मुरैना, संजय दीक्षित। मध्यप्रदेश में बढ़ते दुष्कर्म (Rape) के प्रकरणों में गवाह-साक्ष्यों की कमी के बाद अब आरोपियों का बच निकलना मुश्किल है और यह डीएनए टेस्ट रिपोर्ट की वजह से संभव हुआ है। 04 अप्रैल 2018 को घर से दुकान पर सामान लेने के लिए निकली नाबालिग (Minor) लड़की को बहला-फुसलाकर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में मुरैना के चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश, स्पेशल जज (पाॅक्सो एक्ट) के न्यायालय ने आरोपी राकेश पुत्र बदले प्रजापति निवासी- न्यू आमपुरा, मुरैना को धारा- 376 में दोषी पाते हुये 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया हैं। उक्त प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक प्रतिभा उमरैया ने की गई एवं प्रकरण में सहयोग अपर लोक अभियोजक संजय मिश्रा ने किया।
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मीडिया सेल प्रभारी (अभियोजन) डाॅ. रश्मि वैभव शर्मा ने घटना के बारे में बताया कि 14 अप्रैल 2018 को नाबालिग (Minor) लड़की के पिता ने थाना सिविल लाईन में उपस्थित होकर रिपोर्ट में बताया कि मेरी 13 वर्षीय लड़की दोपहर घर से दुकान पर सामान लेने गई थी जो वापस घर नहीं आई। मैंने अपनी लड़की की कई जगह तलाश की लेकिन कोई पता नहीं चल सका। फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर से आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। नाबालिग (Minor) लड़की को आरोपी के कब्जे से मुक्त करा कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। थाने में वापस आकर नाबालिग (Minor) लड़की के कथन लिये गये, तो नाबालिग (Minor) ने अपने कथनों में बताया कि आरोपी उसे बहला-फुसलाकर पैंसेजर ट्रेन से आगरा लेकर गया और वहां उसने स्टेशन पर खड़ी खाली ट्रेन में मेरे साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और उसके बाद मुझे मुुरैना वापस लेकर आया और यहां भी आरोपी के द्वारा मेरे साथ कई बार दुष्कर्म किया गया। डीएनए टेस्ट में आरोपी के विरूद्ध बलात्कार का प्रकरण सिद्ध पाया गया है।