7 मृत कबूतरों के भेजे सेंपल, बर्ड फ्लू  की आशंका से दहशत 

Atul Saxena
Published on -

मुरैना, संजय दीक्षित। कोरोना काल के बाद बर्ड फ्लू (Bird Flu)की दस्तक से मुरैना जिला भी अछूता नहीं रहा हैं। बर्ड फ्लू (Bird FlU) के संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने एहतियात बरतना शुरू कर दिए हैं। जिला प्रशासन ने आम जनता से अपील की हैं कि मृत पक्षियों की जानकारी तत्काल जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम को दे। ताकि तुरंत घटना पर नियंत्रण पाया जा सके।

चंबल अंचल सहित दूर दराज के क्षेत्रों से पक्षियों के मरने की ख़बरें सामने आ रही हैं। वही कई स्थानों पर मृत पक्षियों में बर्ड फ्लू (Bird Flu)होने की पुष्टि के मामले भी सामने आ चुके हैं लेकिन मुरैना जिले के जौरा, कैलारस और मुरैना मे मृत कबूतर मिलने का पहला मामला सामने आया हैं। मामला आने पर बर्ड फ्लू (Bird Flu)की जांच के लिए सेंपल भेजे गए है।बर्ड फ्लू (Bird Flu)की बीमारी के चलते लोग जहां दहशत में है वही इसका सीधा असर नॉनवेज खाने और व्यवसाय पर भी सामने आ रहा है। हालांकि चंबल अंचल के मुरैना जिले को छोड़कर हर जिले में मृत पक्षी मिलने और सैंपल भेजे जा चुके थे लेकिन रविवार और सोमवार को मृत कबूतरों के मामलों की गंभीरता को लेकर मीडिया कर्मियों द्वारा मामला अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। प्रदेश के अन्य शहरों में बर्ड फ्लू (Bird Flu)की दस्तक के चलते मुरैना में भी प्रशासन अलर्ट हो गया है। न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में दो दिन से कबूतर मरने की खबर मिल रही है।

रविवार और सोमवार की सुबह पीपीई किट में पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मिड इंडिया स्कूल के पास से और गोपालपुरा के ठाकुर गली से मृत कबूतरों को जब्त कर लिया है। उसको जांच के लिए भोपाल लैब में भेज दिए गए है।गोपालपुरा के रहने वाले रिटायर फौजी राजेन्द्र गुर्जर ने जागरुकता का परिचय देते हुए तुरंत पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक एस सी शर्मा को फोन पर सूचना दी और कुर्सी डालकर वहीं बैठ गए। उनको लगा कि कहीं कुत्ता बगैरह इसको खा न जाएं। उपसंचालक ने भी गंभीरता दिखाते हुए तुरंत टीम को मौके पर भेजा। टीम ने 7 मृत कबूतरों को पूरे एहतियात के साथ जप्त कर भोपाल लैब भेजने की व्यवस्था की गयी है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News