मुरैना जिला अस्पताल में दम तोड़ रहीं व्यवस्थाएं, न बेड है न ऑक्सीजन, गेट पर नोटिस चस्पा

Pratik Chourdia
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 मुरैना, संजय दीक्षित। प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार मुरैना (morena) में कोरोना कर्फ्यू (corona curfew) लागू कर दिया है। इसके बावजूद लोग अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर घरों से बाहर निकल रहे हैं। उनकी भी मजबूरी है, उन्हें एक वक्त की रोजी रोटी का इंतज़ाम करना है। इन सब के बीच कोरोना महामारी से त्राहि त्राहि मची हुई है तो वहीं प्रशासन (administration) ने जिला अस्पताल (district hospital) में पर्चा चिपकाकर लोगों के लिए एक नई मुश्किल खड़ी कर दी हैं। जिसमें लिखा हुआ है कि जिला अस्पताल में कोविड 19 मरीजों को पलंग (bed) खाली नहीं होने से भर्ती नहीं किया जा सकता हैं। ऑक्सीजन (oxygen) सिर्फ भर्ती मरीजों के लिए ही उपलब्ध हो पा रही हैं।

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एक तरफ प्रशासन बड़े बड़े दावे कर रहा है कि हमने कई स्कूलों में मरीजों के रहने खाने की व्यवस्था कर दी हैं। लेकिन देखा जाए तो प्रशासन के सारे दावे झूठे नजर आ रहे हैं। जिला अस्पताल में न ही मरीजों के लिए पलंग की व्यवस्था हैं न ही वेंटिलेटर, पीने का पानी और ऑक्सीजन की भी व्यवस्था नहीं की गयी है। हर दिन कम से कम 4 से 5 मरीजों की मौत हो रही है लेकिन प्रशासन मौतो के आंकड़े देने में पीछे हट रहा हैं क्यों कि सही आंकड़े देने पर प्रशासन की पोल खुल जाएगी। सुबह से पर्चा पढ़ने के बाद कई अटेंडर अपने मरीजों को ग्वालियर के लिए रैफर करा के ले गए हैं। कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत थी लेकिन उपचार न मिलने के कारण एम्बुलेंस द्वारा ग्वालियर के लिए रैफर करा लें गए।मरीजों को देखने के लिए पर्याप्त डॉक्टरों की व्यवस्था नहीं है।

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इतना ही नहीं इमरजेंसी ड्यूटी में प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों को जिला अस्पताल में लगाया जा सकता हैं लेकिन प्राइवेट डॉक्टर कोविड 19 में भी मरीजों से लूट खसोट करने में लगे हुए हैं। मानवता पूरी तरह मर चुकी है। जिला अस्पताल के पीछे ऑक्सीजन प्लांट बन कर तैयार हो रहा हैं। इससे मरीजों को काफी हद तक मदद मिलने की उम्मीद है। ये ऑक्सीजन प्लान्ट दो से तीन दिन में शुरू हो जाएगा। जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई पूरे जिले में आसानी से की जा सकेगी। इस पूरे मामले में कोई भी वरिष्ठ अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।


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CTO & Digital Head of MP Breaking News

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