24 मौत के बाद जागा आबकारी महकमा, जगह जगह मिल रही है अवैध शराब की पेटियां

मुरैना, संदय दीक्षित। छैरा गांव में जहरीली शराब से 24 लोगों की मौत के जिम्मेदार कहीं ना कहीं आबकारी विभाग के अधिकारी भी बताए जा रहे हैं। क्योंकि छैरा में 50 रूपये की रेट पर बिकने वाली जहरीली शराब का क्वार्टर पीकर 24 लोगों ने अपनी जान गवा दी थी। इसके लिए जितने दोषी शराब बनाने वाले शराब माफिया हैं उतने ही दोषी आबकारी विभाग के अधिकारी भी हैं।

जिलेभर में देशी शराब के ठेका चलाने वाले दुकानदार प्लेन देशी मदिरा के लिए शासन द्वारा निर्धारित 60 रूपये तथा मैक्सिमम सेलिंग प्राइस 75 रूपये रखी जाती है, लेकिन मौत से पहले देशी मदिरा की दुकान पर करीब 110 रूपये में क्वार्टर बेचे जा रहे थे। इसका लाभ अवैध शराब बनाने वालों ने उठाया और उन्होंने सस्ती ओपी खरीदने के बाद खेत खलिहानों में अवैध शराब बनाने का काम शुरू कर दिया। जिसके बाद छैरा, बिलगांव, मानपुर पाहवली सहित करीब एक दर्जन से अधिक गांव में लोगों को सस्ती शराब उपलब्ध होती रही। इसका असर यह हुआ की दुकानों से शराब न खरीदते हुए खेत खलियानों से बनी हुई अवैध शराब को पीने के बाद करीब 24 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, क्योंकि लोग सस्ती के लालच में अवैध शराब पीते थे और नतीजा ये रहा कि लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।