मुरैना, संदय दीक्षित। छैरा गांव में जहरीली शराब से 24 लोगों की मौत के जिम्मेदार कहीं ना कहीं आबकारी विभाग के अधिकारी भी बताए जा रहे हैं। क्योंकि छैरा में 50 रूपये की रेट पर बिकने वाली जहरीली शराब का क्वार्टर पीकर 24 लोगों ने अपनी जान गवा दी थी। इसके लिए जितने दोषी शराब बनाने वाले शराब माफिया हैं उतने ही दोषी आबकारी विभाग के अधिकारी भी हैं।
जिलेभर में देशी शराब के ठेका चलाने वाले दुकानदार प्लेन देशी मदिरा के लिए शासन द्वारा निर्धारित 60 रूपये तथा मैक्सिमम सेलिंग प्राइस 75 रूपये रखी जाती है, लेकिन मौत से पहले देशी मदिरा की दुकान पर करीब 110 रूपये में क्वार्टर बेचे जा रहे थे। इसका लाभ अवैध शराब बनाने वालों ने उठाया और उन्होंने सस्ती ओपी खरीदने के बाद खेत खलिहानों में अवैध शराब बनाने का काम शुरू कर दिया। जिसके बाद छैरा, बिलगांव, मानपुर पाहवली सहित करीब एक दर्जन से अधिक गांव में लोगों को सस्ती शराब उपलब्ध होती रही। इसका असर यह हुआ की दुकानों से शराब न खरीदते हुए खेत खलियानों से बनी हुई अवैध शराब को पीने के बाद करीब 24 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, क्योंकि लोग सस्ती के लालच में अवैध शराब पीते थे और नतीजा ये रहा कि लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
बताया गया है कि सोमवार को पहले दिन जब 16 मौतें हुई तो जिले भर में देशी शराब के क्वार्टर के दाम 110 रूपये से घटाकर 90 रूपये कर दिए गए थे। उसके बाद दूसरे दिन 5 मौतें होने के बाद यही दाम 110 से घटाकर 80 रूपये कर दिए गए और तीसरे दिन 3 मौत होने के बाद इसके दाम 70 रूपये कर दिए गये। अगर यही सस्ते दाम वाली शराब लोगों को देशी शराब के ठेकों पर उपलब्ध हो जाती तो 24 लोगों की जान नहीं जाती। इसके लिए शराब ठेकेदार के साथ-साथ कहीं ना कहीं आबकारी महकमा भी 24 मौतों का जिम्मेदार है। आबकारी विभाग द्वारा जो कार्रवाई 24 मौतों के बाद की जा रही है अगर यही समय पर होती तो शायद 24 लोगों की जान नहीं जाती। आज भी अगर पूरे जिले में पुलिस और आबकारी के द्वारा सही तरीके से छानबीन की जाए तो भारी मात्रा में अवैध शराबों के जखीरे जब्त किए जा सकते हैं। सवाल फिर वही है कि आखिर कब तक यूं ही खुलेआम बिकती रहेंगी अवैध शराब की पेटियां। अब देखना है कि पुलिस और आबकारी महकमा अवैध शराब माफियाओं पर अंकुश लगाने में कितना कामयाब हो सकता है। छैरा, मानपुर क्षेत्र में जहरीली शराब ने 24 लोगों की जान ले ली थी। उस क्षेत्र में नकली शराब मिलने का दौर थम नहीं रहा है। पुलिस के पांव जिस ओर बढ़ रहे हैं वहीं जहरीली शराब व नकली शराब का जखीरा मिल रहा है। अगर ये कार्रवाई पहले की गई होती तो शायद इतना बड़ा हादसा होने से बच सकता था।