मुरैना : 17 दिन में करीब 200 गौवंश की मौत, जिम्मेदारों के खिलाफ नहीं हुई कोई कार्रवाई

Amit Sengar
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मुरैना, संजय दीक्षित। मुरैना के देवरी गांव की गौशाला में कई दिनों से चल रही लापरवाही और अनियमताओं के कारण हो रही गायों की मौतों के संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में गौ सेवकों ने कार्रवाई करने के लिए आवेदन दिया है, जिसमें बताया गया कि देवरी गौशाला नगर निगम के अधीन है जिसमें प्रतिदिन गौवंशो की मौत हो रही है कई बार मौके पर जाकर संबंधित अधिकारियों को अवगत भी कराया गया है लेकिन संबंधित अधिकारियों ने अभी तक मृत गौवंश के लिए दाना पानी की व्यवस्था तक नहीं की है, जिस कारण गौशाला में भूख, प्यास और ठंड के कारण लगभग दर्जनों गायों की मौत हो चुकी है, नगर प्रशासन द्वारा जानबूझकर लापरवाही के कारण अनियमताऐं की जा रही है जो कि गौ हत्या की श्रेणी में आता है।

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हम आपको बता दें कि देवरी गांव और शहर की गौशाला में 17 दिन में करीब 200 गौवंश की मौत हो चुकी है सबसे बड़ी विडंबना की बात यह है कि जिम्मेदारों ने आंख कान और नाक बंद करके रख लिए है देवरी गौशाला के रिकॉर्ड के अनुसार अगर देखा जाए तो 17 दिसंबर से 9 जनवरी तक 117 गोवंश शहर में मर चुका है, और 10 जनवरी को शहर से मृत गोवंश को एक ट्रॉली में भरकर गौशाला भेजी गई है।

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हिंदुओं के लिए चिंता का विषय बना हुआ लेकिन किसी को कोई चिंता नहीं है यह आंकड़े तो भूख ठंड और प्राकृतिक आपदा के हैं इसके अलावा एक्सीडेंट में भी गोवंश कि आए दिन हाईवे पर मौत हो रही है देवरी गौशाला में देखा गया तो गोवंश के खाने का भूसा भी खत्म हो चुका है, मगर यहां कुछ दानदाताओं ने चारा व आलू पहुंचा दिए हैं जो सिर्फ 1 दिन के लिए ही हो पाएगा, गौशाला भले ही नगर निगम के अधीन है लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं अगर दानदाता आगे नहीं आते तो कभी गौशाला में गोवंश होता ही नहीं। इसके अलावा पिछले तीन-चार दिन से हो रही बारिश के चलते गोवंश कीचड़ के बीच खड़ा है वह बैठ भी नहीं पा रहा है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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