पार्टी से बड़ा बेटा ? कांग्रेस नेता वृंदावन सिकरवार की चेतावनी, या तो चुनाव मेरा बेटा लड़ेगा या पार्टी सीट हारेगी

Amit Sengar
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Morena  News : मुरैना जिले के कद्दावर एवं वरिष्ठ नेता वृंदावन सिंह सिकरवार उर्फ (वृंदा सिकरवार) के सुर आज अपनी ही पार्टी के खिलाफ बागी नजर आने लगे हैं। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को अभी कुछ ही महीने शेष रह गए हैं परंतु कांग्रेस पार्टी में अभी से उथल-पुथल नजर आने लगी है मुरैना से कांग्रेस के कद्दावर एवं वरिष्ठ नेता वृन्दावन सिंह सिकरवार ने पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि अगर विधान सभा चुनाव में जौरा से कांग्रेस पार्टी ने उनके लड़के को चुनाव का टिकट नहीं देती है तो कोई दूसरा कांग्रेसी उस विधानसभा सीट से जीत नहीं पाएगा। उनके इस वक्तव्य के बाद कांग्रेसियों में हड़कंप मच गया है।

नियुक्तियों पर उठाए सवाल

बता दें कि जौरा विधानसभा में आने वाली 3 ब्लॉक अध्यक्षों की सीट पर बनाए गए अध्यक्षों की नियुक्ति से सख्त नाराज नजर आए है उन्होंने आरोप लगाया है कि यह नियुक्तियां बिल्कुल गलत तरीके से हुई हैं पार्टी हाईकमान पर निशाना साधते हुए कहा कि इन नियुक्तियों में सामाजिक समीकरण का ध्यान नहीं रखा गया है। कांग्रेसी नेता ने इन नुयक्तियों के लिए कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष नेता संजय मसानी, राजकुमार पटेल तथा प्रदेश किसान कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुर्जर की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाए हैं कि संजय मसानी सीएम शिवराज सिंह चौहान के साले हैं।

कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए वृंदा सिकरवार ने कहा कि अध्यक्षों की नियुक्ति करते समय पहले दस्तावेज ठीक से नहीं जांचे गए। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा से कुछ दिन पहले ही पार्टी छोड़कर आने वाले विनोद दुबे को पहाड़गढ़ ब्लॉक का अध्यक्ष बना दिया गया। वहीं जौरा ब्लॉक अध्यक्ष मनोज सिकरवार को बनाया गया है जोकि उस ब्लॉक का रहने वाला नहीं है पहाड़गड ब्लॉक का रहने वाला है। पार्टी के इस निर्णय से पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हो गया है। यह नियुक्ति बिल्कुल गलत हुई है और इसे सुधारने की जरूरत है।

तीखे तेवर में दी पार्टी को चेतावनी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता वृंदावन सिंह ने बगावती तेवर दिखाते हुए साफ-साफ कांग्रेस को चुनौती दे डाली अगर मेरे बेटे मानवेंद्र को टिकट नहीं मिला तो इस विधानसभा सीट से कोई और दूसरा कांग्रेस प्रत्याशी नहीं जीत पाएगा। साथ ही अंचल में भी कांग्रेस को आगामी चुनाव में नुकसान उठाना पड़ेगा।
मुरैना से नितेंद्र शर्मा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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