मुरैना, नितेंद्र शर्मा। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, बीते वर्ष की तरह ही इस बार भी नदी के किनारे बसे गांवों पर फिर बाढ़ बार का खतरा मंडराने लगा है। बता दें 6 दिन पहले कोटा बैराज से नदी मे लगभग 4.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिसके बाद प्रशासन ने आस-पास के गांव में अलर्ट जारी किया था। नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के लगभग बराबर पहुंच गया था। लेकिन धीरे धीरे यह जलस्तर कुछ कम हुआ था जिसके चलते नदी के आसपास बसे लोगों ने राहत की सांस ली थी।
हाल ही में राजस्थान में हो रही लगातार रही बारिश के चलते कल शाम एक बार फिर कोटा बैराज से शाम 5:00 बजे 4.20 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे बाद नदी के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। चंबल की सहायक नदी कालीसिंध और पार्वती का पानी नदी में मिलने से क्षेत्र के 200 गांव पर बाढ़ का खतरा एक बार फिर बढ़ गया है। इसके बाद प्रशासन ने 50 गांव में अलर्ट जारी कर लोगों को ऊंचे व सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए कहा है।
लगातार बढ़ते जलस्तर के चलते मध्य प्रदेश के सीमावर्ती राज्य राजस्थान के धौलपुर जिले के जिला कलेक्टर ने नदी के किनारे बसे गांवों के स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी है। साथ ही कलेक्टर ने प्रशासन व एनडीआरएफ की टीम को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। ताजा जानकारी के अनुसार कोटा बैराज के लगभग 14 दरवाजे अभी खोल दिए गए हैं जिसके बाद नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
माना जा रहा है कि सोमवार शाम को कोटा बैराज से नदी में छोड़े गए पानी को पहुंचने में मंगलवार दोपहर तक का समय लगेगा।जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता आरपी झा का कहना है कि कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से नदी में लगभग 3 से 5 मीटर का इजाफा होगा।
राजघाट मुरैना चंबल नदी का ताजा अपडेट-23-08-2022-
वर्तमान लेबल सुबह 6:00 am=135.00M
डेंजर लेवल=138.00M
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
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झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)