MP Election : इंदौरी नेताजी ने हाल ही में अपने आका मौला से परमिशन लेकर भाजपा छोड़ कांग्रेस में आ गए। इतना ही नहीं उन्होंने पीसीसी चीफ कमलनाथ तक लिंक बनाकर कांग्रेस में एंट्री मारी। उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी। लेकिन जब विरोध पनपने लगा तो नए नए तरीकों से यह बताने की कोशिश की जा रही है। इतना ही नहीं कहा जा रहा है कि कांग्रेस के खेवनहार तो वे ही हैं, दूसरा कोई उम्मीदवार बन भी जाये तो कांग्रेस को सीट मिलनी मुश्किल है। अब आप सोच रहे होंगे कि वो कौन से नेता है।
हम बात कर रहे हैं समंदर पटेल की। बीजेपी उन्होंने इसलिए छोड़ा था क्योंकि उनका बीजेपी पार्टी में दम घुट रहा था। इस वजह से उन्होंने सिंधिया से गुहार लगाई। बड़ी बात ये है कि भाजपा में खुद सिंधिया अभी तक मध्यप्रदेश में अपनी जमीन तलाश रहे हैं। ऐसे में उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। जिसके बाद उन्होंने कमलनाथ से लिंक बनाई। उसके बाद घरवापसी का रास्ता साफ हो गया।
लेकिन वह जिस टिकट के लिए गए उस पर पहले से ही कोई और उम्मीदवार नजर गड़ाए हुए था। इस वजह से उसे ये रास नहीं आया। पहले दो ध्रुव थे अब कांग्रेस के तीन ध्रुव हो गए। ऐसे में अब सभी सोशल मीडिया पर खुलेआम विरोध का शिकार हो। ऐसे में सभी की बात गड़बड़ा रही है। ऐसे में अब फिर एक चांस लेने की कोशिश हो रही है। दरअसल, 1 सितम्बर को कमलनाथ आ रहे हैं। ऐसे में खुद को भीड़ जुटाऊ नेता के तौर पर साबित करने की मशक्कत की जा रही है।
समंदर की टिकिट के लिए मार्केटिंग बदस्तूर जारी
इतना ही नहीं समंदर पटेल खुद को सर्वमान्य नेता बताने के चक्कर मे गांव गांव दौरे कर रहे हैं। अभी हाल ही में उनका दौरा हनुमंतिया पंचायत के गांव कमावस में हुआ। यहां उन्होंने ग्रामीणों को ही अपनी मार्केटिंग का हिस्सा बना लिया। लेकिन मार्केटिंग के पैंतरे उन्हें उल्टे भी पड़ रहे हैं। क्योंकि वह बच्चों कांग्रेस में शामिल कराने के नाम पर बच्चों के फोटो की मार्केटिंग कर रहे हैं। टिकिट की आस में बच्चों को भी नहीं छोड़ रहे हैं।
प्रेस नोट जारी किया कि समंदर पटेल की प्रेरणा से कई ग्रामीण परिवार कांग्रेस में शामिल हुए। सोचा था ये फोटो और खबर ऊपर भेज कर कमलनाथ सहित कांग्रेस के नेताओं की सहानुभूति बटोर लेंगे। लेकिन इसमें चूक यह हो गई कि वहां बच्चों की संख्या ज्यादा थी। आनन फानन में बच्चों को भी दुपट्टे पहनाए और कांग्रेस में शामिल होने पर समंदर द्वारा स्वागत का फोटो प्रेस नोट के साथ दे दिया। अब कौन समझाए की ऐसी बचकानी हरकतों से बड़ी पार्टियों के टिकिट नहीं मिला करते। बहरहाल समंदर की टिकिट के लिए मार्केटिंग बदस्तूर जारी है।