MP High Court: गुरूवार को हाई कोर्ट ने एक बड़ी पहल की है। इसके साथ ही हाई कोर्ट चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने कोर्ट के लिए विजन-2047 रखा है। दरअसल इस पहल के तहत मध्यप्रदेश में 2047 तक एक भी पेंडिंग केस लंबित नहीं रखने का लक्ष्य जस्टिस रवि मलिमठ द्वारा कोर्ट में रखा गया है। जानकारी के अनुसार इसे हाई कोर्ट चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने अपने साथी जज, सीनियर एडवोकेट, एडवोकेट स्टाफ के लिए जारी किया है।
दरअसल आपको बता दें की 2047 में भारत की आजादी को 100 साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में हाई कोर्ट का यह लक्ष्य है की इन 100 सालों का एक भी केस पेंडिंग नहीं हो। दरअसल कोर्ट की इस उत्सव में भूमिका रहे कि अदालतों में कोई केस लंबित ना रहे, इसके लिए गुरूवार को हाई कोर्ट ने इसे जारी किया है।
60 से 70 साल पुराने केसों पर हुई सुनवाई :
जानकारी के अनुसार चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने संदेश देते हुए कहा कि ‘2022 और 2023 पुराने प्रकरणों को निराकृत किया गया हैं। कोर्ट ने इन दो सालों में कई पहल की है। जिनमे मुख्यतौर पर 25 चिह्नित मामलों को तीन महीने में निराकृत करने का बड़ा कदम कोर्ट द्वारा उठाया गया है। कोर्ट द्वारा पिछले वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक की अवधि में कुल 3 लाख 93 हजार 391 प्रकरणों का फैसला सुनाया है। जिनमे कुछ केस ऐसे भी शामिल हैं जो तकरीबन 60 से 70 साल पुराने थे। इस दौरान कोर्ट ने 1962, 1964, 1966, 1969, 1970, 1980 और वर्ष 2000 में दायर किए गए कई मुकदमों की सुनवाई की है।’
दरअसल हाई कोर्ट का कहना है की इन प्रकरणों को प्राथमिकता से कोर्ट द्वारा लिया गया है। जिसके चलते सभी पक्षों को पर्याप्त समय भी दिया गया। इसके साथ साथ इन्हे पूर्ण रूप से निराकृत भी किया गया है। यदि ऐसे ही 25-25 प्रकरणों को चिह्नित कर कोर्ट द्वारा उनका भी निराकरण किया जाए तो 2047 तक सारे लंबित केस आसानी से खत्म हो जाएंगे।