गर्मी में ठंड और सर्दी में गर्मी का एहसास! भारत का ये गांव बना पर्यटकों की पहली पसंद, विदेशी भी हुए दीवाने

आज हम आपको मध्य प्रदेश में स्थित एक ऐसे स्थान के बारे में बताएंगे, जो गर्मी के मौसम में पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं। यहां देश ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी पहुंच रहे हैं।

भारत में घूमने लायक बहुत सारे स्थान है, जहां पूरी साल पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। पूरब से लेकर पश्चिम तक… उत्तर से लेकर दक्षिण तक… जिस भी कोने में आप चले जाएंगे, वहां घूमने फिरने से लेकर खाने-पीने का आनंद उठाया जा सकता है। वहीं, मध्य प्रदेश भारत का सेंटर राज्य माना जाता है, जो कि भारत का दिल भी कहा जाता है। यहां घूमने के साथ-साथ स्थानीय परंपरा व संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलता है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर मध्य प्रदेश टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक से बढ़कर एक प्रयास कर रहे हैं।

आज हम आपको मध्य प्रदेश में स्थित एक ऐसे स्थान के बारे में बताएंगे, जो गर्मी के मौसम में पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं। यहां देश ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी पहुंच रहे हैं। यहां की अनोखी परंपरा और संस्कृति को करीब से देखने और जानने का मौका मिलता है।

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खरगोन (Khargon)

दरअसल, हम मध्य प्रदेश में स्थित खरगोन के बारे में बात कर रहे हैं, जो नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां पर विलेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा 22 होम स्टे बनाए गए हैं। यह सभी गोबर और मिट्टी से बनाए गए हैं। यहां ठहरने वाले पर्यटक को ठंडक पहुंचती है। 45 डिग्री टेंपरेचर होने के बावजूद एसी जैसी ठंडक देता है। यह होमस्टे बाहर से देखने में बिल्कुल साधारण सा लगता है, लेकिन अंदर लग्जरी होटल से कम नहीं है। मिट्टी से बने यह होम स्टे पर्यटकों की पहली पसंद बन चुके हैं।

विलेज टूरिज्म को बढ़ावा

खरगोन में विलेज टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि पर्यटक ग्रामीण परिवेश का आनंद ले सके और यहां की संस्कृति को करीब से जान सके। इसके लिए तरह-तरह की सुविधाएं पर्यटकों को उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही इस तरह की होम स्टे बनाए गए हैं, जहां ठंड में गर्मी और गर्मी में ठंडक का एहसास होता है।

ब्रेकफास्ट फ्री

स्थानीय लोगों के अनुसार, इन होम स्टे को ईट सीमेंट या सरिया के बजाय मिट्टी, पत्थर, घास, गोबर और लकड़ी से बनाया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को भी किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा। यहां एक रात रुकने के लिए करीब 2000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जिसमें ब्रेकफास्ट फ्री रहता है। वहीं, लोगों को यहां निमाड़ का भोजन परोसा जाता है। जिसके लिए मेनू कार्ड भी बनाया गया है, जिसमें 25 प्रकार के देसी व्यंजन शामिल किए गए हैं, जो कि पर्यटकों के डिमांड के करीब 1 घंटे में बनकर तैयार हो जाता है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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