MP High Court Decision: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वार एक मामले में छिंदवाड़ा एसपी द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट ना होकर एमपी के डीजीपी को तुरंत ही एसपी को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए है।
दरअसल एक मामले में कोर्ट द्वारा एक आरोपित के लिए एक गैर जमानती वारंट जारी किया गया था और एसपी को तुरंत ही इसे निर्देशित करने के आदेश दिए गए थे। इस पर कारवाई ना करते हुए छिंदवाड़ा एसपी ने कोर्ट के सामने यह जवाब दिया कि जिस व्यक्ति के खिलाफ ये वारंट जारी किया गया है उसका ट्रांसफर हो गया है इसलिए ये वारंट लागू नही किया जा सकता।
एसपी का ये जवाब कोर्ट को पूरी तरह से निराधार लगा और न्यायालय ने इसे अपने आदेश को एसपी द्वारा गंभीरता से ना लिए जाने की बात कहते हर एमपी के डीजीपी को तत्काल ही एसपी को अगले आदेश तक पद निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ये भी कहा है कि अब डीजीपी को संबंधित व्यक्ति के लिए जारी किए गए गैर जमानती वारंट को प्रक्रिया में लाना होगा। साथ ही संबंधित व्यक्ति के वकील को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया गया है।
ये है मामला
छिंदवाड़ा में एनएच ने अपने प्रोजेक्ट के लिए तुलसी संकीर्तन मंडल की 1254 स्क्वायर फीट जमीन अधिग्रहित की थी। इसमें से आधी का मुआवजा दे दिया गया था लेकिन 618 स्क्वायर फीट का मुआवजा नहीं दिया गया था,केवल 636 स्क्वायर फीट का मुआवजा दिया गया। 2018 में एनएच को हाईकोर्ट ने निर्देशित किया कि वे तुरंत मुआवजा दें लेकिन एनएच ने इसे देने में आनाकानी की और मामला इतना लंबा खींच गया। 28 मार्च 2023 को हाईकोर्ट में संकीर्तन मंडल ने आदेश की अवमानना का मामला दर्ज कराया और इस पर हाईकोर्ट ने एनएच के प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ non-bailable वारंट जारी किया और एसपी छिंदवाड़ा को इसकी तामील की जिम्मेदारी दी थी।