MP News: राजधानी भोपाल के पिपलानी थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई के तहत पुलिस ने धर्मांतरण के आरोप में तीन ईसाई नर्सों को गिरफ्तार किया है। दरअसल यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय निवासियों ने पुलिस को शिकायत की कि ये नर्सें इलाके में धर्मांतरण के लिए पोस्टर बांट रही थीं और लोगों को धर्म बदलने के लिए प्रलोभन दे रही थीं।
दरअसल गिरफ्तार की गई नर्सों पर आरोप है कि वे एक इलाके में और लोगों को प्रलोभन देकर उनका धर्म बदलने के लिए प्रेरित कर रही थीं।
स्थानीय निवासियों की शिकायत:
जानकारी के अनुसार इलाके के ही कुछ लोगों ने इस संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस को दी। शिकायत मिलते ही पिपलानी थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीनों महिलाओं को हिरासत में ले लिया।
गिरफ्तारी और मामला दर्ज:
वहीं पुलिस ने गिरफ्तार की गई महिलाओं के खिलाफ धर्मांतरण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। इस अधिनियम के तहत जबरन या धोखे से किसी का धर्म परिवर्तन कराने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।
हालांकि पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इन तीनों नर्सों ने पहले भी किसी का धर्मांतरण कराया है या नहीं। यह जांच इस बात पर भी केंद्रित होगी कि वे किस प्रकार के प्रलोभन दे रही थीं और कितने लोगों को उन्होंने प्रभावित किया है। जबकि स्थानीय निवासियों ने इस घटना के बाद अपनी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि ऐसे गतिविधियां समाज की शांति और सौहार्द को भंग कर सकती हैं।
धर्मांतरण अधिनियम का महत्व:
दरअसल इस घटना ने धर्मांतरण अधिनियम के महत्व को एक बार फिर से उजागर किया है। इस कानून का उद्देश्य लोगों को जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन से बचाना है और ऐसी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई करना है।
गिरफ्तार की गई नर्सों ने पुलिस को बताया कि वे किसी तरह का गलत काम नहीं कर रही थीं। उनका कहना है कि वे केवल लोगों को ईसाई धर्म के बारे में जानकारी दे रही थीं और किसी प्रकार का प्रलोभन नहीं दे रही थीं।
हालांकि जांच पूरी होने तक इन नर्सों को हिरासत में रखा जाएगा। पुलिस सभी आरोपों की गंभीरता से जांच कर रही है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि सच्चाई सामने आए।