Mon, Dec 29, 2025

MP News: पटवारी भर्ती को लेकर जारी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, जीतू पटवारी का कहना- मांगे माने सरकार

Written by:Bhawna Choubey
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MP News: पटवारी भर्ती को लेकर जारी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, जीतू पटवारी का कहना- मांगे माने सरकार

MP News: मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर भोपाल में एक बार फिर अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का आरोप है की परीक्षा में धांधली और अनियमितताएं हुई है। वे परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित करने की लगातार मांग कर रहे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक बयान जारी कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच एसआईटी से कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का विरोध बीजेपी सरकार आखिर अनसुना क्यों कर रही है? और यही ठोस वजह है कि बेरोजगार छात्र अब दिल्ली में प्रदर्शन के लिए इक्कठे होने की तैयारी कर रहे हैं।

गड़बड़ी की जांच से बच रही भाजपा सरकार: जीतू पटवारी

जीतू पटवारी ने आगे बताया कि बुधवार को जब नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के बैनर तले भोपाल में जुटे अभ्यर्थी धरना देने के बाद वल्लभ भवन की की ओर जा रहे थे तब पुलिस ने बैरिकेड लगाकर अभ्यर्थियों को रोक लिया। जीतू पटवारी का कहना है कि पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच से भाजपा सरकार बच रही है, इस तरह भाजपा सरकार छात्रों का उत्पीड़न कर रही है।

30 जून 2023 से शुरू हुआ था विवाद

इतना ही नहीं उन्होंने आगे यह भी कहा कि शायद सरकार भूल रही है तो उन्हें याद दिला दें कि यह विवाद 30 जून 2023 को पटवारी परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद शुरू हुआ था। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच होने तक नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। इसके बाद जांच के लिए 19 जुलाई 2023 को आयोग गठित हुआ था, 8 महीने की जांच के बाद रिटायर्ड जस्टिस राजेंद्र वर्मा ने सरकार को रिपोर्ट भी सौंप थी। इसके बाद नतीजे में रिपोर्ट में भर्ती परीक्षा को क्लीन चिट मिली। 15 फरवरी को सरकार ने चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के आदेश जारी किए।

10-15 लाख में पेपर खरीदने वालों को दी जा रही नियुक्ति

एनईयू ने मध्य प्रदेश सरकार से पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच पूरी होने तक नियुक्तियां रोकने की मांग की है। एनईयू सरकार से जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की भी मांग की है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि 10-15 लाख रुपए देकर नौकरी खरीदने वालों को नियुक्ति दी जा रही है। इतना ही नहीं अभ्यर्थियों का यह भी आरोप है कि सरकार डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर सिर्फ कुछ ही फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले छात्रों पर कार्रवाई की बात कर रही है लेकिन जिन लोगों के द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए हैं उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अभ्यर्थियों का यह भी कहना है की जांच कमेटी के पास जांच की तकनीकी संसाधन नहीं थे और जांच केवल बयानों के आधार पर की गई है। एनईयू का कहना है कि अगर निष्पक्ष जांच होती तो पेपर खरीदने वाले और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले जेल में होते। ऑनलाइन परीक्षा में गड़बड़ी की जांच के लिए तकनीकी विशेष योग की आवश्यकता होती है जो जांच कमेटी में नहीं थे।

जीतू पटवारी ने सरकार से पूछा कि ग्वालियर के एक परीक्षा केंद्र में 10 में से 7 टॉपर और प्रदेश के केवल तीन परीक्षा में केंद्रों में से 50 में से 34 टॉपर कैसे आ गए? इतना ही नहीं जीतू पटवारी ने कई सवाल उठाए उन्होंने पूछा क्या इन टॉपर से बातचित कर उनके बयान लिए गए हैं? या इनके आपस के संबंध और कनेक्शन को चेक किया गया है? क्या आप लोगों ने चयनित अभ्यर्थियों के 10 वीं और 12वीं की मार्कशीट की जांच की है? कुछ चयनित अभ्यर्थी तो ऐसे भी है जिन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा में मात्र 35% नंबर लाए हैं। इतना ही नहीं जीतू पटवारी ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ चयनित अभ्यर्थी तो ऐसे भी हैं जो वनरक्षक भर्ती परीक्षा में फिट थे। लेकिन पटवारी भर्ती परीक्षा में ईयर हैंडिकैप्ड यानी उन्हें कानों से सुनाई नहीं देता है यह कैसे संभव है? जितने भी टॉपर है उनका लॉगइन टाइम चेक किया जाना चाहिए जिससे यह पता चले कि उसने कितने बजे सिस्टम पर लॉगिन किया, लॉगिन टाइम की जांच करने से यह पता चल जाएगा की तीन घंटे का पेपर टॉपर्स ने आधे एक घंटे में हल किया है या पूरे 3 घंटे में।