मध्यप्रदेश, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में हाल ही में फिल्म पुष्पा (Pushpa) स्टाइल की स्टाइल में ही लकड़ियां नदी में बहा कर ले जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश की ताप्ती नदी में 4 तस्कर पुष्पा फिल्म की तर्ज पर खालवा के जंगल से सागौन के पेड़ काटकर उन्हें ताप्ती नदी में बहा कर ले जा रहे थे। ऐसे में वन विभाग की टीम ने इन चारों तस्करों को पकड़ लिया। अब ये चारों तस्कर पुलिस की गिरफ्त में हैं।
जानकारी के मुताबिक, इन तस्करों को वन अपराध की विभिन्न धाराओं के साथ अपराध पंजीबद्ध कर सभी को हरसूद न्यायालय में पेश किया गया। ये भी बात सामने आई है कि जो लकड़ियां ये तस्कर नदी में बहा कर ले जा रहे थे उसकी कीमत करीब 1 लाख रुपए से ज्यादा है।
इस मामले को लेकर वनपरिक्षेत्र अधिकारी जयप्रकाश झरिया का कहना है कि मंगलवार के दिन मिली एक मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की टीम एक्टिव हुई और इन तस्करों की तलाश में जुट गई। दरअसल मुखबीर द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि कुछ लोग वन परिक्षेत्र खालवा की गोगाईपुर बीट के कक्ष क्रमांक 833 से सागौन के पेड़ काटकर ले जाने का प्रयास कर रहे थे।
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इसी सुचना के आधार पर गोगीपुर, झारीखेड़ा, नागौतार और धामा बीट का वन अमला और वन सुरक्षा श्रमिकों के साथ छानबीन शुरू की गई। इसी बीच विभाग की टीम को ताप्ती नदी में सागौन के लट्ठे रस्सी में बंधे हुए दिखाई दिए। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि इन लकड़ियों को कुछ लोग रस्सी से बांधकर एक सिरे पर पकड़कर सागौन के लठ्ठों को तेज बहाव में तैराते हुए बुरहानपुर जिले की तरफ ले जा रहे थे।
यहां करीब 4 लोग खड़े थे। ये चारों अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। बता दे, सागौन की तस्करी करने वाले चारों आरोपित 22 वर्षीय मुकेश सिंग, 21 वर्षीय सुरेश सिंग निवासी रह्मानपुर, नेपागनगर, 23 वर्षीय रामचंद्र निवासी पांच इमली, नेपानगर और 38 वर्षीय कमल निवासी परेठा, खकनार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, इन तस्करों द्वारा करीब नौ सागौन के लठ्ठे पानी में बहाए गए। ये लठ्ठे करीब 2.590 घनमीटर के थे। जो अब वन विभाग की जब्त में है। इसकी कीमत करीब 1 लाख रुपए से अधिक है। इतना ही नहीं आरोपितों के पास से दो टार्च, टेप, रस्सी, आरे व कुल्हाड़ी भी बरामद की गई।
आज से पहले भी एक आरोपी जिसका नाम कमल है वो इसी अपराध में पकड़ा जा चुका है। आपको बता दे, इस मामले को लेकर कार्रवाई करने में वनपरिक्षेत्र अधिकारी सुनील सुल्या, बीट गार्ड रमेश सोलंकी, दिनेश पाटीदार, जितेंद्र पगारे, गौरव मिश्रा, पंकज गौतम, आशतोष पांडे, जितेंद्र शर्मा, जयप्रकाश पांडे सहित वन सुरक्षा श्रमिकों का सहयोग रहा।