भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नक्सलवाद की चपेट में आकर कई युवा अपने हुनर को बर्बाद कर रहे हैं, तो वहीं काही मासूम के जीवन पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। मध्य प्रदेश सरकार नक्सलियों के आतंक पर काबू पाने के लिए अक्सर जुटी रहती है। इस बार भी शासन नहीं सरेंडर नीति के साथ आया है, जिससे लोगों को उम्मीद है कि नक्सलवाद पर यह नई नीति कोई काम करेगी। बता दें कि अब तक मध्य प्रदेश में जो सरेन्डर नीति पहले से थी, वो एक तरह से विफल हुई, जिसके वजह से बीते सालों में नक्सली सरेंडर नहीं करते थे। जब प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में नक्सल गतिविधियां चरम सीमा पर पहुंच चुकी है, तो नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरू करने की जरूरत आ पड़ी। सूत्रों के मुताबिक अभी तक करीब 100 नक्सली प्रदेश में सक्रिय हैं, इसलिए राज्य सरकार ने उनकी गतिविधियों पर काबू करने के लिए नई सरेंडर नीति लागू करने का फैसला लिया है।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मध्यप्रदेश में सरेंडर नीति को मंजूरी दे दी है और जल्द ही प्रस्ताव पास होने के बाद पूरे प्रदेश भर में लागू कर दी जाएगी। हालांकि पहले से ही पुरानी नीति चली आ रही है, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद सरेंडर नीति में कुछ बदलाव करने के निर्देश दिए गए थे।