MP Tourism: मध्य प्रदेश के इन 3 ऐतिहासिक किलों का जरूर करें दीदार, गौरवशाली इतिहास से होंगे रूबरू

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल अपने जिलों के लिए तो प्रसिद्ध है लेकिन इस जगह का इतिहास से भी गहरा नाता है।

Diksha Bhanupriy
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MP Tourism: मध्य प्रदेश भारत का बहुत ही खूबसूरत इलाका है। भारत के मध्य में बसा ये राज्य अपने इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता की वजह से पहचाना जाता है। यहां का इतिहास भी काफी ज्यादा खास है। मध्य प्रदेश में ऐसे कई सारे स्थान मौजूद हैं, जिनका इतिहास से गहरा कनेक्शन है और जब आप यहां जाएंगे तो आपको करीब से इतिहास का दीदार करने को मिलेगा। राजधानी भोपाल वैसे तो अपनी झीलों की वजह से प्रसिद्ध है लेकिन यहां पर एक समय नवाबों का शासन रहा है। नवाबों के अलावा अन्य राजाओं ने भी यहां पर राज किया है। यही वजह है की प्राकृतिक सुंदरता के अलावा ये शहर इतिहास की दृष्टि से भी प्रसिद्ध है। राजधानी भोपाल के आसपास भी कई ऐतिहासिक जगह है। चलिए आज हम आपको इनके बारे में बताते हैं। आज हम आपको भोपाल के आसपास मौजूद कुछ खूबसूरत किलो के बारे में बताते हैं जो अपनी वास्तुकला की वजह से पहचाने जाते हैं।

रानी कमलापति किला

रानी कमलापति का किला अपने अंदर प्राचीन इतिहास को समेटे हुए है। रानी कमलापति की शौर्य गाथा को आज भी बखान करने का काम करता है। भोपाल के इतिहास में गोंड शासको का जो बलिदान रहा है उसकी याद में यह आज भी खड़ा हुआ है।

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रानी कमलापति किला के इतिहास की बात करें तो इसका निर्माण लगभग 300 साल पहले किया गया था। इसे निजाम शाह की पत्नी रानी कमलापति ने बनवाया था और उन्हीं के नाम पर इसका नाम पड़ा था। इस महल में कभी एक शाही कमरा हुआ करता था जो छोटी झील की तरफ था। वहां लगातार पानी की टंकी से पानी छोड़ा जाता था ताकि गर्मी के मौसम में भी बारिश जैसा सुहावना नजारा नजर आए। शाही कमरे के ऊपर रानी कमलापति अपने परिवार के साथ रहा करती थी। वह कमरा पानी के भीतर समाया हुआ है। महल से जुड़ी कहानियों के मुताबिक रानी कमलापति पर मोहम्मद खान की बुरी नजर थी। उनके बेटे नवल और मोहम्मद खान के बीच युद्ध भी हुआ था। युद्ध में बेटे की मौत का संदेश मिलने के बाद रानी ने महल की तरफ बांध का रास्ता खुला दिया जिससे महल में पानी भर गया। रानी ने ऐसा इसलिए किया ताकि दुश्मन उनके शरीर को छू ना सके।

हवा महल

जयपुर के हवा महल की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि भोपाल के पास हवा महल किला मौजूद है। इस जगह को अपने मनोरम दृश्यों की वजह से पहचाना जाता है। भागदौड़ भरी जिंदगी से अगर आप सुकून पाना चाहते हैं तो यहां जा सकते हैं। यहां की नक्काशी और शिल्प कला कमाल की है।

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गिन्नौरगढ़ किला

भोपाल से 61 किलोमीटर की दूरी पर यह शानदार किला मौजूद है। यह घने जंगलों से घिरा हुआ एक पहाड़ी किला है। प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकर्स के लिए यह स्वर्ग से कम नहीं है। यहां पर एडवेंचर और इतिहास का दीदार एक साथ किया जा सकता है। यहां पर विशाल द्वारा, लुभावने मंदिर मौजूद है, जो आपका दिल जीत लेंगे।

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गिन्नौरगढ़ कभी गोंडो का गढ़ हुआ करता था और यहां पर रानी कमलापति का शासन चलता था। रानी के निधन के बाद भोपाल के संस्थापक नवाब दोस्त मोहम्मद ने कब्जा कर लिया था। वैसे तो यह खंडहर हो चुका है लेकिन आज भी यहां की वास्तु शिल्प कला हैरान कर देने वाली है।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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