Wed, Dec 31, 2025

MP Tourism: दिल जीत लेगा मध्य प्रदेश के ओरछा का इतिहास, यहां जरूर देखें ये 5 स्थान

Written by:Diksha Bhanupriy
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ओरछा मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध शहर है, जिसे इतिहास की दृष्टि से काफी खास माना गया है। चलिए आज हम आपके यहां के कुछ प्रसिद्ध स्थान के बारे में बताते हैं।
MP Tourism: दिल जीत लेगा मध्य प्रदेश के ओरछा का इतिहास, यहां जरूर देखें ये 5 स्थान

MP Tourism: मध्य प्रदेश को ऐसे ही हिंदुस्तान का दिल नहीं कहा जाता है। यहां की संस्कृति, परंपरा, रहन-सहन, खान-पान, पर्यटक स्थल में दिल जीत लेने वाली खूबियां देखने को मिलती है। हर साल कई पर्यटक मध्य प्रदेश घूमने फिरने के लिए पहुंचते हैं और यहां के सुंदर स्थान का दीदार करते हैं। मध्य प्रदेश में घूमने के लिए वह सब कुछ है जो एक पर्यटक चाहता है।

अगर आप भी घूमने फिरने का प्लान बना रहे हैं तो आपको एक बार मध्य प्रदेश के खूबसूरत शहर ओरछा जरूर जाना चाहिए। ऐतिहासिक दृष्टि से यह शहर काफी प्रसिद्ध है। यहां पर देखने के लिए कई सारे स्थान मौजूद है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आप यहां क्या-क्या घूम सकते हैं।

राजा महल

जब आप ओरछा जाएंगे तो 16वीं शताब्दी में बनाना शुरू किए गए राजा महल का दीदार कर सकेंगे। चौकोर संरचना में बना हुआ यह महल तीन तरफ पांच मंजिला और एक तरफ चार मंजिला बना हुआ है। यहां रानियों के शयन कक्ष के साथ सम्राट का कक्ष और चतुर्भुज मंदिर भी बना हुआ है। इस महल के कुछ हिस्से को शीश महल नमक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है। पर्यटक आराम से यहां पर आकर रुक सकते हैं।

लक्ष्मी नारायण मंदिर

ओरछा में लक्ष्मी नारायण मंदिर मौजूद है जिसका इतिहास बुंदेला राजवंश से जुड़ा हुआ है। 1622 में राजा वीर सिंह देव ने से बनवाया था। इसकी बाहरी दीवारों पर खिड़की जैसी नक्काशी देखने को मिलती है। इस मंदिर की कला देखने लायक है। ऊपरी हिस्से पर कुछ खूबसूरत पेंटिंग्स बनी हुई है। यहां रामायण और भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान राम के प्रसंग को भी दर्शाया गया है।

चतुर्भुज मंदिर

ओरछा में वास्तुकला के मामले में चतुर्भुज मंदिर का डिजाइन बहुत ही अद्वितीय है। इस मंदिर का प्रांगण आकाश की ओर खुला हुआ है। बुंदेला की छतरियों जैसी ऊंची मीनार भी यहां देखी जा सकती है। मंदिर के अंदर चतुर्भुज विष्णु विराजित है जिनकी चार भुजाएं हैं।

रामराजा मंदिर

ओरछा में सबसे प्रसिद्ध कोई स्थान है तो वह यहां का रामराजा मंदिर है। यहां पर भगवान राम को भगवान नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजा जाता है। यह जगह ओरछा मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। मंदिर से राजा और रानी की एक दिलचस्प कहानी भी जुड़ी हुई है। बताया जाता है कि बाल अवतार राम स्वयं यहां रानी के साथ विराजित होने के लिए आ रहे थे लेकिन उन्होंने कुछ शर्ते रखी थी। जिनमें से एक शर्त यह थी कि वह जहां उन्हें बैठ देगी वह वहीं स्थापित हो जाएंगे।

ओरछा पक्षी अभ्यारण्य

अगर आप प्राकृतिक सुंदरता से रूबरू होना चाहते हैं और सुंदर पक्षियों को देखना चाहते हैं। तो 46 किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस पक्षी अभ्यारण में जा सकते हैं। यहां पर आप जीव जंतु बेतवा नदी और पौधों की दुर्लभ प्रजाति देख सकेंगे।