Real life में ‘बाबूल’ बना नरसिंहपुर का परिवार, बहू की करेंगे धूमधाम से विदाई

Gaurav Sharma
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नरसिंहपुर ,डेस्क रिपोर्ट। बेटियों को हमेशा से कहा जाता है कि वो एक दिन शादी करके दूसरे के घर चली जाएगी। वहीं रूढ़ीवादी परंपरा के बीच बहुओं को वो दर्जा नहीं दिया जाता जो एक बेटी को मिलता है। कभी वो प्रताड़ना की शिकार होती है, तो कभी उनकी आवाज हमेशा के लिए बंद करा दी जाती है। ऐसे में अगर कोई बोले कि वो अपनी बहू की विदाई एक बेटी की तरह कर रहे तो बात कुछ अजीब सी लगती है। लेकिन नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव के झौंतेश्वर में रहने वाले सोनी परिवार ने कुछ ऐसा ही करने का निर्णय लिया है। जिन्होंने बेटे की मृत्यु के बाद अपनी बहू को एक बेटी की तरह रखा और अब उसी बहू का हाथ एक पिला कर उसकी विदाई करने का फैसला किया है।

सोनी परिवार ने कहा कि वो अपनी बहू की विदाई गुरूवार को एक बेटी की तरह करेंगे। साथ ही बेटे के हिस्से में जो संपत्ति आएगी वो भी अपने बहू को देंगे। सोनी परिवार अपने बेटे की मौत के दुख को भुलाकर अपनी बहू और उसकी दो बेटियों का जीवन खुशहाल बनाने की तैयारियों में लगा हुआ है। गोटेगांव के झौंतेश्वर मवई में रहने वाले रिटायर्ड डिप्टी रेंजर रविशंकर सोनी ने कहा कि उनके बेटे संजय का विवाह 12 साल पहले हुई थी और उनके बेटे बहू की दो बेटियां है, जिनकी उम्र क्रमशः 11 और 9 वर्ष है।

बहू और उसकी दो बेटियों की संवरेंगी जिंदगी

रविशंकर सोनी ने बताया कि उनके बेटे का बीते वर्ष एक रोड एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद बहू, बच्चियां और पूरा परिवार काफी दुखी रहता था। जिसके बाद उन्होंने सोचा कि वो अपनी बहू और उनकी दो बेटियों की जिंदगी बर्बाद नहीं होने देंगे। इसी बात को सोचते हुए उन्होंने अपनी बहू की दूसरी शादी कराकर उसे एक बेटी की तरह विदा करने का फैसला लिया।

बेटे की संपत्ति कर दी बहू के नाम

रविशंकर सोनी ने कहा कि बहू की जिंदगी संवारने के लिए उनके पिता और भाई से उसके लिए अच्छा रिश्ता देखने के लिए कहा था, साथ ही खुद भी अपनी जगह से बहू के लिए योग्य घर देख रहा था। जिसके बाद जबलपुर के पिपरिया से रिश्ता आया, वहीं घर परिवार अच्छा देखते हुए पिपरिया निवासी राजेश सोनी से बहू की शादी करने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बताया कि राजेश की पत्नी का भी निधन हो गया है। उनकी पत्नी की मौत तीन साल पहले एक रोड एक्सीडेंट में हुआ था। वहीं राजेश की कोई संतान नहीं है। बता दें कि राजेश के घर में कोई बेटी नहीं है जिसके बाद वो सभी बहू के साथ दो बेटियां होने से काफी खुश है। उन्होंने कहा कि घर में जो बेटे के नाम पर है वो सब उन्होंने अपने बहू के नाम करा दी है। जिसमें बेटे के नाम एक कार थी, बेटे का बीमा जो मृत्यु के बाद निकला 3 लाख 76 हजार रूपये, साथ ही जो गहने थे, ये सभी चीजें उन्होंने बहू के नाम करा दी है।

अच्छे पिता होने का निभाएंगे दायित्व

वहीं राजेश सोनी ने कहा कि वो लड़की के साथ उनकी दोनों बेटियों को भी अपनाएंगे। जिनकी अच्छी शिक्षा की जिम्मेदारी भी उनकी रहेगी। उन्होंने कहा कि उनकी कोई संतान नहीं है, वो अपने भाइयों के साथ रहता है। ये रिश्ता होने के बाद परिवार पूरा हो जाएगा और खुशियां आएंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो एक अच्छे पिता होने का दायित्व पूरी इमानदारी के साथ निभाएंगे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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