डोडाचूरा की तस्करी करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास, एक लाख का जुर्माना

Amit Sengar
Published on -

नीमच, कमलेश सारडा। न्यायालय ने डोडाचूरा तस्कर (Dodachura smuggler) को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित भी किया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश अरविन्द दरिया ने सुनाया है।

यह भी पढ़े…Energetic Tips: खुद को दिनभर एनर्जेटिक रखने के लिए अपनाएं ये आसान तरीका

लोक अभियोजक चंचल बाहेती द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 3 वर्ष पूर्व 30 जनवरी 2019 की रात्री के लगभग 01ः20 बजे थाना बघाना क्षैत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बागपिपल्या फण्टा, चीताखेड़ा की हैं। पुलिस थाना बघाना में पदस्थ एसआई अमित सारस्वत को मुखबिर ने थाने पर उपस्थित होकर सूचना दी कि कैलाश स्कार्पियों वाहन से डोडाचूरा को राजस्थान के किसी तस्कर को देने जाने वाला हैं। मुखबिर सूचना के आधार पर उनके द्वारा फोर्स सहित मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर पँहुचकर घेराबंदी की गई जहां उन्हें आरोपी स्कार्पियों पर आता हुए दिखाई दिया, जिनको रोका तथा तलाशी लिये जाने पर वाहन में प्लास्टीक के 6 कट्टों में 142 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा रखा हुवा था। मौके से डोडाचूरा व स्कार्पियों वाहन को जप्त कर व आरोपी को गिरफ्तार करके उनके विरूद्ध पुलिस थाना बघाना में एनडीपीएस एक्ट में प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में वाहन के स्वामी कैलाश पिता रामलाल पाटीदार निवासी-ग्राम उमरिया सेमली थाना पिपलिया मन्डी, जिला मन्दसौर को आरोपित बनाया गया।

यह भी पढ़े…MP Transfer : राज्य शासन ने दो IAS अधिकारियों के तबादले किये, ये है नई पद स्थापना

गौरतलब है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर, शेष आवश्यक विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय, नीमच में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान विवेचक, जप्ती अधिकारी, फोर्स के सदस्यों सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराते हुवे आरोपी द्वारा अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा की तस्करी किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराते हुए कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News