नीमच।श्याम जाटव।
जिले में ग्रामीण विकास विभाग (Rural development department) ने ग्राम पंचायतों(Gram panchayats) में विकास कार्यो के लिए द्वितीय किस्त जारी कर दी। इसके पहले कोरोना कोविड-19 (corona) की रोकथाम के लिए 15 प्रतिषत राषि 2 महिने पहले आ चुकी है और अब 2019-20 की द्वितीय किस्त जमा हुई। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह किस्त 6 महिना पहले ही सभी ग्राम पंचायतों को मिलना थी लेकिन तत्कालीन सरकार ने ये राषि जारी नही की थी।
-विकास कार्य ठप्प हो गए थे
जानकारी के अनुसार जिले की 236 ग्राम पंचायतों के लिए 17 करोड़ 10 लाख 31 हजार 440 रूपए 14 वित्त आयोग की राषि 30 मई को जारी कर दी। यह द्वितीय किस्त वित्तीय वर्ष 2019-20 की है। तत्कालीन सरकार ने पंचायतों के विकास के लिए द्वितीय किस्त जारी नहीं कि थी। जिसकी वजह से ग्राम विकास के काम ठप्प हो गए थे। यह 14 वित्त आयोगी 85 प्रतिषत राषि है और 15 प्रतिषत राषि कोरोना महामारी की रोकथाम व अप्रवासी मजदूरों की व्यवस्था के लिए 5 अप्रैल को दी थी।
-4 भागों में बांटा गया राशि को
राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को दी जा रही राशि से जो कार्य होंगे उन्हें प्रमुख रूप से 4 भागों में वर्गीकृत कर वार्षिक व्यय सीमा निर्धारित की गई है जिसमें 75 प्रतिशत राशि नवीन अधोसंरचना कार्यों में, 10 प्रतिशत पेयजल व्यवस्था संबंधी कार्यों में, 7.5 प्रतिशत संधारण कार्यों में और 7.5 प्रतिशत राशि कार्यालयीन व्यय पर खर्च की जा सकेगी।
-नवीन अधोसरंचनात्मक कार्य
ग्राम पंचायतें 75 प्रतिशत राशि नवीन अद्योसंरचनात्मक कार्यों में व्यय कर सकेंगी, जिनमें सीमेंट क्रांकीट सड़क एवं पक्की नाली निर्माण, गौ-शाला निर्माण, रपटा/पुलिया निर्माण (ग्राम पंचायत आबादी क्षेत्र, शासकीय भवनों तथा श्मशानघाट/कब्रिस्तान को आबादी क्षेत्र से जोड़ने वाले रास्तों पर), बाउंड्रीवॉल निर्माण – पंचायत भवन, कब्रिस्तान, श्मशानघाट, स्कूल, आँगनवाड़ी, शासकीय भवन, सामुदायिक भवन, काँजी हाउस, पुस्तकालय भवन, बाजार चबूतरे/ दुकान निर्माण/ ग्राम चैपाल के लिये चबूतरा निर्माण, यात्री प्रतीक्षालय, पेवर ब्लॉक सड़क, सामुदायिक शौचालय/ शासकीय भवनों में महिला/पुरूष शौचालय निर्माण और एलईडी स्ट्रीट लाइट (ऊर्जा विभाग के स्पेसिफिकेशन अनुसार), सार्वजनिक पार्कों का निर्माण, पार्क में पेवर ब्लॉक, बैंच फुटपाथ, लाईट तथा पानी की व्यवस्था और निःशक्तजनों के लिये बाधारहित वातावरण निर्माण एवं रैंप निर्माण कर सकेंगी।
-पेयजल व्यवस्था संबंधी कार्य
योजनांतर्गत एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त होने वाली राशि में से 10 प्रतिशत राशि का उपयोग पेयजल व्यवस्था के लिये किया जा सकेगा। पेयजल व्यवस्था में ऐसी नल-जल योजनाएँ जो ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं स्थापित की गयी है उनका संधारण, ऐसी नल-जल योजनाएँ जिन्हें पी.एच.ई(PHE) द्वारा स्थापित कर ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किया गया है उनका संधारण, पेयजल प्रदाय के लिये पाइपलाईन विस्तार, सिंगल फेस मोटर का क्रय, पेयजल एकत्रित करने के लिये भू-स्तर टंकी निर्माण, रेडीमेड टंकी क्रय और पशुओं के पानी पीने के लिये संरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा।
-संधारण कार्य
एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त होने वाली राशि में से 7.5 प्रतिशत राशि का उपयोग ग्राम पंचायत क्षेत्र में निर्मित स्थायी परिसंपत्तियों के संधारण एवं साफ-सफाई कार्य के लिये किया जा सकेगा। संधारण कार्य में पंचायत भवन मरम्मत तथा अन्य शासकीय भवनों की मरम्मत, पुताई, बिजली की फिटिंग, शासकीय/पंचायत के भवनों में शौचालय का निर्माण एवं संधारण, स्टापडेम/चेकडेम मरम्मत, गेट सुधार, ग्राम पंचायत की साफ-सफाई का कार्य, साफ-सफाई से संबंधित सामग्री क्रय, पुराने पेयजल कूपों/बावड़ियों का सुधार, पंचायत के स्वामित्व वाले टैंकर की मरम्मत/टायर-ट्यूब बदलना, घाटों की पुताई एवं साफ-सफाई के कार्य किये जा सकेंगे।
-कार्यालयीन व्यय
योजनांतर्गत एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त होने वाली राशि में से 7.5 प्रतिशत राशि का उपयोग कार्यालयीन/प्रशासनिक व्यय हेतु किया जा सकेगा। इसके अंतर्गत पंचायत भवन में फर्नीचर क्रय एवं फर्नीचर मरम्मत, टेंट का किराया, कार्यालयीन स्टेशनरी, नेट सेंटर का मासिक भुगतान (अधिकतम रूपये 500/- प्रतिमाह तक), बीएसएनएल एवं सेवा प्रदाता कंपनी का ब्रॉडबैंण्ड का मासिक भुगतान, कम्प्यूटर सामग्री क्रय एवं मरम्मत, बीमा, वार्षिक रख-रखाव, भृत्य/चैकीदार/सफाईकर्मी/पंप ऑपरेटर का वेतन/मानदेय, बिजली बिल, राष्ट्रीय पर्व पर व्यय – व्यवस्था एवं पुरूस्कार वितरण, ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभाओं की बैठकों में चाय-नाश्ता, पंचायत कार्यालय का किराये का भवन होने की स्थिति में देय किराया, समाचार पत्र एवं पत्रिकाऐं, सेटटॉप बॉक्स का व्यय, इनवर्टर एवं बैटरी, ग्राम पंचायत के स्वामित्व वाले ट्रेक्टर ट्राली/कचरा गाड़ी/जनरेटर के लिये उपयोग होने वाला डीजल, विभिन्न सार्वजनिक आयोजनों पर होने वाला व्यय और डिजीटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिये मशीन क्रय की जा सकेगी।
-ये कार्य रहेंगे प्रतिबंधित
ग्राम पंचायतों को योजनांतर्गत उपलब्ध करवाई गई राशि से हैण्डपंप खनन एवं उसका संधारण, नलकूप खनन, मोटर पंप क्रय, पेयजल परिवहन पर व्यय, मुर्रमीकरण/ग्रेवल रोड, स्टापडेम/ चेकडेम निर्माण, किसी भी प्रकार के वाहन का क्रय, स्वागत द्वार, प्रतिमा स्थापना, आईएसओ प्रमाणीकरण पर व्यय, सौर ऊर्जा लाइट पर व्यय, एयर कंडीशनर क्रय, मोबाईल, पानी का टैंकर और विज्ञापन पर व्यय नहीं किया जा सकेगा।
-डीपीआर के अधूरे पडे काम होंगे
आदर्ष ग्राम पंचायत सरपंच हंसा जाटव ने बताया डीपीआर (DPR)के अध्ूारे पड़े काम निपटाना ही पहली प्राथमिकता होगी। पंचायत के खाते में राषि जमा हो गई है और योजना भी तैयार कर ली। सबसे पहले सीसी रोड़ का काम होगा और इसके लिए तकनिकी स्वीक्रति के लिए जनपद (janpad) में प्रस्ताव भी भेज दिया।