Neemuch News: पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा पर प्रशासन की रोक, स्थल का जायजा लेने के बाद दिया गया आदेश

प्रशासन की आदेश में कहा गया है कि कथा के लिए अनुमति दिया जाना संभव नहीं है, क्योंकि पुलिस द्वारा जो प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है उसके अनुसार होने वाला शिव महापुराण कथा का आयोजन वर्तमान में नहीं बल्कि आगामी समय में ही किया जाना ठीक रहेगा।

Shashank Baranwal
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Pradeep Mishra

Neemuch News: नीमच जिले की मनासा में अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा, सीहोर की 1 अप्रैल से होने वाली महाशिवपुराण कथा पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। इसके लिए प्रशासन ने स्थल का मुआयना किया था, जिसके बाद कथा के मान से व्यवस्थाएं अनुकूल नहीं पाए जाने पर कथा निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है।

व्यवस्था के अनुकूल नहीं माहौल

प्रशासन की तरफ से दो बार आयोजन स्थल का मुआयना किया गया था। जिसके बाद पुलिस व जिला प्रशासन ने कथा में संभावित लाखों की भीड़ और प्रतिकूल मौसम को देखते हुए जनहानि की संभावनाओं का अंदेशा जताने के कारण व्यवस्था को नाकाफी बताया। साथ ही लोकसभा चुनाव होने से ज्यादातर पुलिस फोर्स चुनावी बंदोबस्त में व्यस्त होने के कारण कथा का आयोजन आगामी समय में किया जाना निश्चित किया गया है।

1 से 7 अप्रैल तक होनी थी कथा

आपको बता दें आदेश में कहा गया है कि कथा के लिए अनुमति दिया जाना संभव नहीं है, क्योंकि पुलिस द्वारा जो प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है उसके अनुसार होने वाला शिव महापुराण कथा का आयोजन वर्तमान में नहीं बल्कि आगामी समय में ही किया जाना ठीक रहेगा। वहीं ऐसी स्थिति में 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक होने वाली शिव महापुराण कथा के लिए अनुमति दिया जाना संभव नहीं है। पुलिस ने कथा को कुछ समय के बाद किए जाने की बात कही है। आपको बता दें कथा के आयोजन के लिए शांति बाई पति स्वर्गीय शंकर लाल देवड़ा (राठौर तेली) ने प्रशासन से अनुमति मांगी थी।

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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