मध्य प्रदेश का नीमच जिला आए दिन किसी-न-किसी मुद्दे को लेकर मीडिया में चर्चा का विषय बना रहता है। ऐसे में एक बार फिर यह भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी में बीते कई वर्षों से चुनाव न होने के कारण लाइमलाइट में है। दरअसल, इस संगठन में अनियमितताओं और मनमानी के लगातार आरोप सामने आ रहे हैं। संगठन के लगभग 2800 आजीवन सदस्य होने के बावजूद उनकी राय और भागीदारी को नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसका एक नजारा हाल ही देखने को मिलता है।
बता दें कि हजारों सदस्यों के बीच चुनिंदा लोगों के बीच चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सदस्यों का आरोप है कि यह सब नियमों की अनदेखी और स्वार्थ के कारण किया जा रहा है।
नहीं किया गया बैठक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अधिकारियों इसे लेकर किसी प्रकार का कोई बैठक नहीं किया और न ही किसी से भी परामर्श लेना जरूरी समझा। बिना आजीवन सदस्यों को सूचित किए हाल ही में सदस्य बने डॉ. स्वप्निल वधवा को सचिव नियुक्त कर दिया। जिन्होंने आगामी 25 अगस्त को चुनाव कराने की घोषणा भी कर दी। इस पूरी प्रक्रिया की भनक संगठन के अधिकांश सदस्यों तक नहीं पहुंची। 2800 आजीवन सदस्यों के बावजूद अधिकारियों ने चुनाव प्रक्रिया के लिए मात्र 22 लोगों की सूची बनाई है।
नहीं दी गई सूचना
इनका कहना है कि इनमें से कई सदस्यों को चुनाव की सूचना तक नहीं दी गई। आजीवन सदस्य आशीष बंग माहेश्वरी ने इस पूरे मामले में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर मांग की है कि सभी 2800 आजीवन सदस्यों को चुनाव प्रक्रिया की सूचना दी जाए। साथ ही चुनाव पूरी पारदर्शिता और विधिक प्रक्रिया के तहत संपन्न कराए जाएं। इसके अलावा, 25 अगस्त को घोषित चुनाव को तत्काल निरस्त किया जाए।
राज्यपाल तक पहुंची शिकायत
वहीं, अब मामले में शिकायत राज्यपाल तक पहुंच चुकी है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर भी शिकायत दर्ज कराई गई है। बताते चलें कि सदस्यों का यह भी कहना है कि कुछ लोग संस्था पर कब्जा जमाकर व्यक्तिगत लाभ उठाना चाहते हैं। इसी कारणवश चुनाव को लेकर नियमों को ताक पर रखा जा रहा है।
कमलेश सारडा, नीमच





