कैबिनेट मंत्री मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा को मातृ शोक, जिले सहित प्रदेशभर में शोक की लहर

Amit Sengar
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नीमच, कमलेश सारडा। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरेंद्र कुमार सखलेचा की धर्मपत्नी एवं प्रदेश के सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा (Omprakash Sakhlecha), विजय सखलेचा, राजकुमार सखलेचा, श्रीमती मंजू पारेख की माताजी श्रीमती चेतन देवी सखलेचा का दुखद निधन आज दिनांक 6/7/22 को हो गया है। बुधवार को उन्होंने 86 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। श्रीमती चेतन देवी करीब एक माह से बीमार थीं जिनका भोपाल के चिरायु अस्पताल में इलाज चल रहा था।

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सरल, सहज, सेवाभावी व धार्मिक प्रकृति की धनीं श्रीमती सखलेचा व्यवहार कुशल व मृदुभाषी थी। उनके निधन का समाचार मिलते ही जावद सहित जिले के अलावा पूरे प्रदेश में शोक की लहर छा गई। उनकी शवयात्रा गुरुवार दोपहर के बाद बी- 7, प्रोफेसर कॉलोनी भोपाल से निकलेगी एवं भदभदा घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।

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व्यक्तिगत जीवन परिचय- श्रीमती चेतन देवी सखलेचा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरेंद्र कुमार सखलेचा की धर्मपत्नी थीं। स्व. सखलेचा (4 मार्च 1930–31 मई 1999) भारत के एक राजनेता थे जो मध्यप्रदेश के 10वें मुख्यमंत्री रहे। इनका मुख्यमंत्री का कार्यकाल 18 जनवरी 1978 से 19 जनवरी 1980 तक रहा। वे वर्ष 1967 से 1969 तक उप मुख्यमंत्री के पद पर भी रहे। वे भारतीय जनता पार्टी के नेता थे और मन्दसौर जिले (वर्तमान नीमच) के मूल निवासी थे।

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श्रीमती चेतन देवी की शुरू से ही साध्वी बनने की इच्छा थी लेकिन परिवार की जिम्मेदारियों को देखते हुए उनका साध्वी बनने का सपना अधूरा रह गया और बाद में उन्होंने परिवार के साथ ही अपना जीवन व्यतीत किया।

श्रीमती सखलेचा के तीन बेटे हैं। सबसे बड़े बेटे ओमप्रकाश सखलेचा हैं जो जावद विधानसभा (नीमच) से चार बार के विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग और सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री हैं। दूसरे बेटे विजय सखलेचा हैं, जो भोपाल में निवासरत होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बाल काल से स्वयंसेवक एवम विज्ञान भारती से जुड़े हुए हैं। सबसे छोटे बेटे राजकुमार सखलेचा भी भोपाल में ही निवासरत होकर व्यवसायी हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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