Neemuch News : मध्य प्रदेश के नीमच जिले की जावद तहसील के समीप बरखेड़ा कमलिया ग्राम पंचायत के मोरका गांव में जावद भरभड़िया मेंन रोड की शासकीय भूमि को स्थानीय सरपंच द्वारा वैधानिक रूप से नियम विपरीत पट्टे काटकर जमीन बेचने और उन्हें वापस अलग-अलग नाम से बेचने का मामला सामने आया है। जिसमें वापस अपने पुत्र के नाम से खरीदने की जानकारी भी आई है।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, मोरका गांव के वार्ड क्रमांक 13, भवन पंजी क्रमांक 61,62,62/1,63,64 जो की लगभग 17000 स्क्वायर फीट जिसकी बाजार कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही है। यह जमीन ग्राम पंचायत की थी। जिसे गरीबों और आवासहीन लोगों को मिलनी चाहिए। लेकिन स्थानीय सरपंच नरेश पाटीदार ने अपने स्वयं का हित साधते हुए भूमि को निजी लोगों के हाथ में बेच दिया। इस पूरे मामले में 4800 स्क्वायर फीट की जमीन किसी एक व्यक्ति को बेच दी गई। और इस सब में महत्वपूर्ण बात यह है कि स्थानीय सचिव श्यामसुख पाटीदार का कहना है कि मेरे कार्यकाल में इन पट्टों पर हस्ताक्षर ही नहीं और नाही मेरे द्वारा इस प्रकार की कोई जमीन विक्रय की गई। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा लिखित में दिया गया कि उनकी पंचायत में पंजी क्रमांक 61,62,63, व 64 के संबंध में ग्राम पंचायत में कोई विधि सम्मत दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं है।
जानिए, क्या है नियम
1. ग्राम पंचायत अधिकतम 30* 50 से बड़ा प्लाट नहीं बेच सकता है।
2. ग्राम पंचायत में स्थानीय निवासी गरीब व्यक्ति को पट्टे दिए जाए जो कि मकान बनाने के काम आ सके।
3. दिए गए पट्टे न्यूनतम वर्ष से कम समय में नहीं बेचे जा सकते हैं।
शासन के नियमानुसार सबसे पहले जो भूमि आवंटित की जाती है। उसके लिए नक्शा बनाकर और विधिवत रूप से अलग-अलग वर्ग के अनुसार आरक्षण किया जाता है। और इसकी परमिशन एसडीएम के माध्यम से ली जाती है। उसके बाद ही पट्टे जारी किए जा सकते हैं।
सरपंच ने कहा कि संबंधित भूमि के मामले में मेरे द्वारा 1500 – 1500 स्क्वायर फीट के पांच पट्टे राम प्रसाद, राधेश्याम, शांतिलाल, दिनेश व देवीलाल नागदा को दिए गए। इसी प्रकार 4800 स्क्वायर फीट के दो प्लॉट के भूमि स्वामित्व का भी प्रमाण पत्र पंचायत राधेश्याम व राम प्रसाद नागदा को दिया गया।
पूरे मामले में ग्राम पंचायत के सचिव श्यामसुख पाटीदार से चर्चा करने पर बताया कि मेरे द्वारा किसी भी प्रकार से पट्टे आवंटित नहीं किए गए, और ना ही जो जमीन बताई जा रही है। उसका कोई प्रस्ताव ठहराव ग्राम पंचायत में नहीं है। 4800 स्क्वायर फीट या उससे अधिक जमीन देने का अधिकार ग्राम पंचायत को भी नहीं है। जब यह पूछा गया कि आपको इस बात की जानकारी मिली तो फिर क्या करवाई की गई। सचिव का कहना था कि मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है। और पूरे मामले को देखकर मैं शीघ्र ही संबंधित लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाऊंगा।
जावद एसडीएम राजेश शाह ने कहा कि वैसे पूरे मामले में आपके द्वारा मुझे जानकारी मिली है। जिसकी मैं जांच करवा रहा हूं।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट