Neemuch News: जिला पुलिस ने अवैध मादक पदार्थों के आंकड़ों का किया खुलासा, सबसे ज्यादा युवा तस्करों की हुई गिरफ्तारी

अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में ज्यादातर युवाओं का होना आर्थिक तंगी और कम समय मे ज्यादा पैसा कमाने की लालच और शौक पूरा करने की वजह बताई गई है।

Shashank Baranwal
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Neemuch News: मध्य प्रदेश के नीमच जिले की पुलिस ने अवैध मादक पदार्थ को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इस दौरान पुलिस ने जिले में बीते एक साल में अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई का विवरण दिया हैं, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि इस मामले में ज्यादातक युवा वर्ग के लोग ही शामिल हैं। दरअसल, मालवा क्षेत्र के नीमच में बड़े पैमाने पर अफीम की वैध खेती की जाती है। जिसके कारण यहां पर बड़े पैमाने पर अफीम की तस्करी भी की जाती है। जिसमें पकड़े जाने वाले ज्यादातर आरोपी युवा ही होते हैं।

बीते 1 साल में दर्ज हुए इतने मामले

जिला पुलिस ने आंकड़ो के मुताबिक बीते एक साल में कुल 107 मामले दर्ज किए गए, जिसमें कुल 110 युवा वर्ग के आरोपी के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टांसेस एक्ट, 1985 (NDPS) के तहत कार्रवाई की गई है। इस दौरान पकड़े गए आरोपियों में ज्यादातर 18 साल से लेकर 35 साल के युवा शामिल हैं।

एसपी अंकित जायसवाल ने की अपील

अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में ज्यादातर युवाओं का होना आर्थिक तंगी और कम समय मे ज्यादा पैसा कमाने की लालच और शौक पूरा करने की वजह बताई गई है। गौरतलब है कि अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के दौरान पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत 10-10 साल की सजा का प्रावधान है।  वहीं इन आंकड़ों का खुलासा नीमच के एसपी अंकित जायसवाल द्वारा की गई। इस दौरान उन्होंने अपील भी की है कि ऐसे मामलों में ना फंसे और समाज के हित में अच्छे काम करें।

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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