नीमच, कमलेश सारडा। गोवंश की सुरक्षा एवं उपचार प्रबंधों को लेकर शासन प्रशासन एवं राजनेता चाहे लाख दावे करें लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंशो में जो लक्षण दिखाई दे रहे हैं निश्चित रूप से किसी बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता। धरातल पर हालात तेजी से बद से बदतर होते जा रहे हैं। वहीं ग्राम जाट में लंपी वायरस (lumpy virus) से 1 गाय की मौत हो जाने के बाद भी नीमच (Neemuch) जिला प्रशासन के आला अधिकारी बेखबर होकर आंखें मूंद कर गहरी नींद में सोए हुए है।
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जिला पशु चिकित्सा विभाग ने गौ पालको को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री चौहान के निर्देशानुसार नीमच जिला कलेक्टर महोदय मयंक अग्रवाल ने अन्य राज्यों से गो परिवहन पर प्रतिबंधात्मक आदेश तो जारी कर दिए हैं लेकिन क्षेत्र में पशुओं मे लंपी वायरस के उपचार के लिए चिकित्सकों की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। जिले में बैठे विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते कई क्षेत्रों में अभी तक टीकाकरण की भी व्यवस्था नहीं हो पाई है और इस खतरनाक बीमारी की चपेट में गोवंश की तादाद बढ़ती जा रही है।
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गौरतलब है कि ग्राम जाट में शासकीय पशु औषधालय पर कोई चिकित्सक नहीं होने से ताले लटके हुए हैं। ग्राम के पशुओं का सही ढंग से उपचार नहीं हो पा रहा है। गो पालक बालूराम पिता नौला जी गुर्जर की 1 गाय की मृत्यु हो चुकी है। जिसे जमीन में दफनाया गया। इनकी 1 गाय और इस रोग से ग्रसित है। ग्राम के ही किशनलाल पिता चुन्नीलाल प्रजापत का बैल जिसके गले में सूजन है। 2/3 और गायों में भी इस बीमारी के लक्षण पाए गए है। गो सेवक रिजवान अंसारी के द्वारा वैक्सीन लगाई जा रही है एवं ग्रामीण खुद ही देशी इलाज कर रहे है जिला प्रशासन द्वारा अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो पूरे गांव के पशुओं में तेजी से यह वायरस फेल सकता है।