Neemuch News : मध्य प्रदेश में विधानसभा ज्यों-ज्यों चुनाव नजदीक आ रहे हैं, नेताओं की अजीबोगरीब हरकतें देखने को मिल रही है। जनता की थोड़ी भी दिक्कत इस समय नेताओं को असहनीय लग रही है। फिर चाहे जनता की मांग कैसी भी हो। जरूरत पड़ने पर अपनी ही सरकार के सेवकों को भी आड़े हाथों लेने में नेता कतई नहीं हिचक रहे हैं। ऐसा ही एक वाकया नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र का सामने आया है। जहाँ गांव भदाना गांधीसागर बांध निर्माण के बाद विस्थापित हुए ग्रामीणों का बसाया हुआ है। बरसों से यहाँ ग्रामीण खेती बाड़ी कर जीवन यापन कर रहे हैं। लेकिन विभाग की नजर में यहां बेतहाशा अतिक्रमण था। विभाग की पूरी टीम साजो सामान के साथ भदाना पहुंची तो अतिक्रमण हटाने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। वन विभाग ने अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू की तो ग्रामीणों ने विरोध किया।
यह है मामला
ग्रामीणों का कहना था कि वे बरसों से जमीन पर खेती बाड़ी कर रहे हैं, वन विभाग दंड भी वसूल करता है, जिसकी रसीदे भी है। फिर भी बिना नोटिस के कार्रवाई की जा रही है जो गलत है, दूसरी तरफ वन विभाग का कहना है कि ग्रामीणों से दस्तावेज मांगे तो उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। मामला तनातनी तक जा पहुंचा। इस बीच कांग्रेस नेता मंगेश संघई भी अन्य नेताओं के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कार्रवाई को रुकवा दिया लेकिन वन अमला गांव से हटने को तैयार नहीं था। यह सूचना मनासा विधायक माधव मारू को मिली तो वे देर शाम मौके पर पहुंचे और जाते ही वन विभाग को जमकर लताड़ना शुरू किया।
उन्होंने मौके पर मौजूद वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को फटकारते हुए कहा कि क्या राजस्व विभाग के साथ मिलकर सीमांकन किया गया था? किसकी परमिशन से अतिक्रमण हटाने आये। उन्होंने जमकर धमकाया। फिर विधायक मारू ने किसी अधिकारी को फोन लगाया और साफ कहा कि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति निर्मित हो सकती है वन विभाग मनमानी कर रहा है। गुस्से में विधायक फोन पर इतना तक बोल गए कि फिर मैं सामने खड़ा रहता हूं हथियार लेकर, देखता हूं कौन आता है सामने। हालांकि काफी हुज्जत के बाद वन अमला बैरंग लौट गया। लेकिन विधायक के बड़े बोल का वीडियो वायरल हो गया। कोई इसे विधायक की दबंगई बता रहा है तो कोई जनता की आवाज उठाने वाले दबंग विधायक का तमगा भी दे रहे हैं।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट