नीमच शहर की सड़कों की बदहाली और भ्रष्टाचार की कहानी एक बार फिर सामने आई है। नगर पालिका से कलेक्ट्रेट चौराहे तक लगभग 75 लाख रुपए की लागत से किये जा रहे पैचवर्क में ठेकेदार की लापरवाही और अनियमितता उजागर हो गई।
आगामी दिनों में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के आगमन को देखते हुए नगर पालिका ने कलेक्टर कार्यालय जाने वाले मार्ग पर लीपापोती शुरू कर दी। सड़क पर बने गड्ढों को भरने के बजाय ठेकेदार मनोज धाकड़ द्वारा गड्ढों में पहले ऑइल डाला गया और उसके ऊपर सीमेंट फैलाई गई, ताकि घटिया निर्माण को अस्थायी रूप से छुपाया जा सके।
जुमला साबित हुआ हर सड़क पर जानकारी बोर्ड लगाने का वादा
लोगों का कहना है कि जब 10 रुपए के बिस्किट पैकेट पर पूरा कंटेंट लिखा जाता है, तो करोड़ों की लागत वाली सड़कों पर भी सामग्री, गारंटी अवधि और ठेकेदार का नाम सार्वजनिक होना चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि लोक निर्माण सभापति बनने के बाद मनोहर माटवानी ने शहर की हर सड़क पर जानकारी बोर्ड लगाने का वादा किया था, लेकिन वह महज जुमला साबित हुआ।
नेता प्रतिपक्ष योगेश प्रजापति ने लगाये गंभीर आरोप
नगरपालिका की इस कथित मिलीभगत पर नेता प्रतिपक्ष योगेश प्रजापति ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि नगर पालिका अध्यक्ष स्वाति चौपड़ा के कार्यकाल में शुरू से ही जनता के अधिकारों की अनदेखी हो रही है। इस सड़क को लेकर पहले भी घटिया निर्माण की शिकायत पर पंचनामा कराया गया था। 65 लाख की सड़क को गोपनीय तरीके से 75 लाख की बता दिया गया और ठेकेदार के भुगतान पर रोक लगाई गई थी। इसके बावजूद नगरपालिका अध्यक्ष और कुछ अधिकारी मिलकर ठेकेदार को फायदा पहुंचा रहे हैं।
जनता में आक्रोश
नीमच शहरवासी अब नाराज़गी जताते हुए कह रहे हैं कि नगरपालिका काम कम और प्रचार ज्यादा करती है। सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर कोई निगरानी नहीं है, जिससे जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद हो रहा है और भ्रष्टाचार पर परदा डाला जा रहा है।
नीमच से कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट





