नीमच, कमलेश सारडा। नीमच जिले में लगातार चोरी, लूट व धोखाधड़ी की वारदातों में ईजाफा हो रहा है। जैसे-जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे ठगी के नए तरीके सामने आ रहे हैं। इसलिए अब ऑनलाइन ठगी में इजाफा देखने को मिल रहा है। पुलिस समय समय पर लोगों को ऑनलाइन ठगी के बारे में जागरूक करती रहती है एवं ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क करती रहती है। लेकिन ऑनलाइन का दायरा बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी में भी परिवर्तन आ रहा है।
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उनमे कुछ ऐसे भी तरीके हैं, जिनमे बिना आपके जानकारी के आपके खाते से पैसे उड़ा लिए जाते हैं। कुछ मोबाइल एप्लीकेशन ऐसे है जिन्हे डाउनलोड करने की बाद आपके मोबाइल का पूरा कंट्रोल शातिर बदमाश के पास पहुंच जाता हैं। ऐसा ही एक मामला रविवार सुबह नीमच शहर में घटित हुआ है। यहाँ एक वकील साहिबा के बैंक खाते से एक-एक कर चार बार में खाते से कुल 73 हजार 632 रूपए चुरा लिए गए हैं।
जिसके बाद वकील साहिबा ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत केंट थाने पर दर्ज करवाई है। पुलिस ने उनकी आपबीती सुन कर शुरुआती तौर पर 420 का मामला दर्ज कर लिया है और साथ ही जाँच शुरू कर दी है। इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी हैं। जरा सी चूक होने पर हजार-लाखों रूपए चंद मिनटों में आपके खातों से गायब हो जाते हैं।
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विस्तृत जानकारी देते हुए केंट पुलिस ने बताया कि बगीचा नंबर 10 निवासी 25 वर्षीय अर्पिता पिता अजित संघवी अपने घर पर थी। इस दौरान अर्पित ने अपने मोबाइल में एसबीआई का योनो एप्लीकेशन को डाउनलोड किया। योनो एप्लीकेशन का उपयोग करने में अर्पिता का असुविधा महसूस हुई। तो उन्होंने एसबीआई कस्टमर केयर के नम्बर पर फोन लगाकर योनो एप्लीकेशन का उपयोग करने में सहायता मांगी। इसके बाद एसबीआई कस्टमर केयर ने फोन पर अर्पिता से कहा कि आपको हमारे अन्य एक्जिक्यूटिव कॉल कर रहे हैं। उनका फोन उठाइये।
उक्त व्यक्ति के इतना कहते ही उसका फोन कट हो गया। साथ ही अन्य नम्बर से अर्पिता को फोन आया और अपने आप ही फोन रिसिव हो गया। इसके बाद अन्य व्यक्ति ने अर्पिता संघवी को फोन पर अपनी बातों में उलझाए रखा और बेहतर सुविधा देने की कहकर मोबाइल में एक अन्य एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए बोला। एप्लीकेशन का नाम एनी डेस्क, रिमोट डेस्क सॉफ्टवेयर था।
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अर्पिता संघवी ने पुलिस को बताया कि उक्त व्यक्ति ने अपनी पहचान एसबीआई एक्जिक्यूटिव के रूप में बताई थी। इसलिए अर्पिता ने उक्त व्यक्ति के बताए अनुसार सारे दिशा-निर्देशों का पालन किया। उक्त व्यक्ति करीब 24 मिनिट तक अर्पित से बातचीत करता रहा। लंबी बातचीत के कारण अर्पिता को शक हुआ और उसने अपना मोबाइल चेक किया तो मोबाइल में बैंक खाते से रूपए डेबिट होने के मैसेज पड़े थे। इसके बाद अर्पिता ने अपना खाता चेक किया तो उसके खाते से लगातार रूपए निकलते जा रहे थे।
जब अर्पिता संघवी ने उक्त व्यक्ति से पूछा कि कौन बोल रहे हैं, तो उक्त व्यक्ति ने फोन डिसकनेक्ट कर दिया। पुलिस ने बताया कि अर्पिता पेशे से वकालत करती हैं, तथा उसके खाते से चार बार रूपए कटे हैं। कुल 73 हजार 632 रूपए खाते से डेबिट हो गए। उक्त अज्ञात व्यक्ति का मोबाइल नम्बर 7986673250 हैं। इस मोबाइल नम्बर से अज्ञात व्यक्ति ने फोन लगाया और 24 मिनिट तक बातों में उलझाए रखा। जिसके बाद खाते से रूपए कटना शुरू हो गए।
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चार बार खाते से कटे रूपए-
कुल चार बार अर्पिता संघवी के खाते रूपए डेबिट हुए हैं। पुलिस ने बताया कि अर्पिता संघवी के खाते से चार बार अलग-अगल आंकड़ों में रूपए कटे हैं। पहली बार अर्पिता के बैंक खाते से 24 हजार 889 रूपए डेबिट हुए। दूसरी बार भी 24 हजार 889 रूपए डेबिट हुए। तीसरी बार 18 हजार 667 रूपए डेटित हुए और चौथी बार 5 हजार 185 रूपए अर्पिता के बैंक खाते से डेबिट हुए। इस तरह कुल 73 हजार 632 रूपए अर्पिता के बैंक खाते से डेबिट हुए।
एसपी कर चुके हैं सचेत-
ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएँ बढ़ने के बाद। एसपी सूरज कुमार वर्मा ने जागरूकता के लिए धोखाधड़ी से सचेत किया था। खासकर ऑनलाइन धोखाखड़ी से बचने के लिए श्री वर्मा ने कुछ गिने-चुने मार्वलस और एप्लीकेशन के नाम जनता को सार्वजनिक किए थे, जिनकी सहायता से शातिर चोर आसानी से किसी के भी मोबाइल के कंट्रोल को अपने मोबाइल में लेकर बैंक खातों से रूपए गायब कर सकते हैं।