Neemuch News: आचार संहिता के लागू होने के बाद पुलिस प्रशासन मुस्तैद हो गई है। प्रदेश के हर जिले में अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए पुलिस सख्त हो गई है। अंतर्राज्यीय सीमा पर पुलिस चौकन्ना हो गई है। इसी बीच राजस्थान की सीमा से सटे जिले नीमच में पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, बघाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति निम्बाहेडा राजस्थान से दारू-नयागांव होते हुए एक कार के जरिए अवैध शराब लेकर आने वाला है। शनिवार शाम को इस सूचना पर पुलिस ने दारू रोड पर नाकेबंदी की। इस दौरान पुलिस ने एक बलेनो कार एमपी 44 सीबी 0374 को रुकवाकर तलाशी ली तो डिक्की में से 2 पेटी टूबार्ग बियर और 10 बोतल रायल चैलेंज मिली। वहीं जब कार चालक से नाम पूछा गया तो उसने अपना नाम लाखन पिता गणपत राजपूत उम्र 31 साल निवासी आकिया, थाना नीमच सिटी बताया। पुलिस ने मौके पर ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह राजस्थान से शराब लेकर आया था। आरोपी के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। आपको बता दें आरोपी ने कार में फर्जी नंबर प्लेट भी लगा रखी थी।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस सक्रिय हो गई। वहीं अवैध रूप से शराब के क्रय-विक्रय और बाहर से आने वाली शराब पर पुलिस की सख्ती है, क्योंकि अवैध शराब चुनाव को प्रभावित कर सकती है। वहीं शराब के आरोपी को पकड़ना एक अभियान के तहत लिया गया है। आपको बता दें राजस्थान से नीमच जिले में तस्करी करने वाले नयागांव बार्डर, सिंगोली बार्डर, जीरन बार्डर तमात रास्तों का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर नाकेबंदी के अलावा मुखबिरों का भी जाल बिछा रखा है।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट
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Shashank Baranwal
पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–
खींचो न कमानों को न तलवार निकालो
जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो
मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।