मध्य प्रदेश के नीमच जिले में ये लगातार दूसरा सप्ताह है जब परेशान और पीड़ित लोग सरकारी अफसरों का ध्यान आकर्षित करने के लिए कुछ अनोखा प्रदर्शन कर कलेक्ट्रेट पहुंचे, पिछले सप्ताह जनसुनवाई में एक विधवा महिला उसकी जमीन को सरपंच के कब्जे से मुक्त करवाने के लिए लोट लगाते हुए पहुंची थी और आज एक पीड़ित किसान अपनी जमीन को कब्ज़ा मुक्त करवाने के लिए शिकायती आवेदन की माला पहनकर पहुंचा।
आपको याद होगा 1 जुलाई की जन सुनवाई में मडावदा गांव की निवासी विधवा महिला नानीबाई सड़क पर लोट लगाती हुई कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में पहुंची थी उसका कहना था कि उसके पति की मृत्यु के बाद गाँव के सरपंच ने उसकी जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है। महिला ने बताया कि उसने कई बार तहसील, जनपद और पंचायत स्तर पर शिकायत की, लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। इसलिए थक-हारकर कलेक्टर की जनसुनवाई में इस तरह पहुंचकर कलेक्ट्रेट आना पड़ा।
अनोखा प्रदर्शन, गले में दस्तावेजों की माला पहने पहुंचा किसान
इसी तरह का दृश्य आज एक बार फिर जनसुनवाई में दिखाई दिया जब नीमच कलेक्टर की जनसुनवाई में उपरेडा गाँव का किसान मुकेश भील ने दबंगों द्वारा हड़पी गई अपनी 8 बीघा जमीन के न्याय के लिए अनोखा प्रदर्शन किया। वह अपनी रजिस्ट्री और अन्य भूमि दस्तावेजों सहित शिकायती आवेदनों की माला पहनकर पहुंचा।
जिसे जमीन लीज पर दी उसने ही कर लिया कब्ज़ा
मुकेश भील ने बताया कि करीब 12 साल पहले नीलिया में खरीदी गई उसकी जमीन को उसने गोपाल पाटीदार को लीज पर दिया था, जिसने अब उस पर अवैध कब्जा कर लिया है। किसान का आरोप है कि शिकायत के बावजूद भोपाल से लेकर स्थानीय पुलिस और पटवारी तक किसी ने उसकी मदद नहीं की।
ADM ने दिया दो दिन में निराकरण का भरोसा
पटवारी ने जमीन की नपती तो की, लेकिन पुलिस उसे टरका रही है। अपनी जमीन वापस पाने और परिवार के भरण-पोषण के लिए न्याय की गुहार लगाते हुए मुकेश भील अब भूख हड़ताल पर बैठ गया है। हालाँकि इस मामले में एडीएम लक्ष्मी गामड़ ने कहा कि मैंने एसडीएम को जांच का आदेश दे दिया है, उन्होंने भरोसा दिलाया है कि दो दिन में नियमानुसार मामले का निराकरण कर दिया जायेगा।
नीमच से कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट





