Neemuch News : नीमच में जावद के शासकीय महाविद्यालय ऑडिटोरियम में प्रसिद्ध तीर्थ स्थल, सुखदेव मुनी की तपोस्थली सुखानन्द धाम के सौंदर्यीकरण को लेकर शिवोहम आदि शंकराचार्य पर केन्द्रित नाट्य मंचन का आयोजन किया गया। जिसका आयोजन सुखानंद विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। जिसमें शिवोहम आदिशंकराचार्य पर केन्द्रित नाट्य मंचन में कलाकारों ने आदि शंकराचार्य के जीवन के प्रसंगों के साथ उनके वैचारिक आध्यात्मिक चेतना पर नाटक का मंचन किया।
संस्कारवान समाज के निर्माण का संदेश
शिवोहम के माध्यम से आदि शंकराचार्य की शिक्षाओं रूपायित कर संस्कारवान समाज के निर्माण का संदेश दिया गया। कलाकारों द्वारा प्रस्तुत शिवोहम नाटक आदि शंकराचार्य के जीवन, बालपन, सम्पूर्ण देश की यात्रा और शास्त्रार्थ के बाद अंतिम सत्य को प्रतिपादित करने सहित सभी बातें सवा घंटे में दर्शकों के सामने रखी गईं। बता दें कि कार्यक्रम में एमएसएमई एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे।
मंत्री ने मंच से लोगों को किया संबोधित
जिन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, इस काल में भारतीय अध्यात्म की सनातन परंपरा की वैदिक आधार भूमि विभिन्न वर्गीय चेतना में विभाजित होकर खंडित हो रही है। ऐसे समय में आदि शंकराचार्य की मेधा और काव्य प्रतिभा आध्यात्मिक चिंतन की अद्वैतवादी विचारधारा को आज के युग और आने वाले पीढ़ी में पुनर्स्थापित करने हेतु यह मंचन धार्मिक भावनाओं का संचार करेगा।
आगे उन्होंने कहा कि, सुखदेव मुनि ने तपस्या के लिए इस स्थान का चयन किया जो कि अरावली पर्वत की श्रृंखलाओं के बीच है। आदि काल में सुखानन्द धाम की यात्रा के साथ ही चार धाम यात्रा पूर्ण मानी जाती थी। उन्होंने बताया कि सुखदेव मुनि के मंदिर का निर्माण विक्रम की ग्यारहवी शताब्दी में दसनाम् तिलक महान संत बालकगिरि जी महाराज ने करवाया। जिसमें भगवान भोलेनाथ एवं सुखदेव मुनि की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई।
मंदिर के निर्माण में लगे 10 वर्ष
इस मंदिर के निर्माण में लगभग 10 वर्ष लगे। वहीं, महान संत बालकगिरी द्वारा 1172 विक्रमी की वैशाख पूर्णिमा को भक्तों को उपदेश दिया गया। जिसके अनुसार, प्रतिवर्ष वैशाख शुक्ल 04 से ज्येष्ठ शुक्ल 03 तक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। आगे सखलेचा ने कहा कि, आने वाली पीढ़ी को सही दिशा और ज्ञान देना हमारा परम कर्तव्य है। सुखानंद का स्वरूप कैसा हो, इसके लिए हम सब आज यहां एकत्रित हुए हैं और स्नेह एवं प्रेम के साथ हमें इस पर मंथन करना है।
ये लोग रहे उपस्थित
जिसके लिए मंत्री ने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि मई में आयोजित होने वाले मेले से पहले सुखानन्द धाम को आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए साधना, पूजा, दर्शन व्यवस्था, सौन्दर्यीकरण, भक्तों के खाने-पीने, ठहरने, निर्माण कार्य, पार्किंग, कथा स्थल समेत अन्य कई आवश्यक सुझाव जरूर प्रदान करें। इस अवसर पर सीएफटीआरआई मैसूर की डायरेक्टर डॉक्टर श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह एवं उनकी टीम, साधु-संत, प्रबुद्धजन, वरिष्ठजन, पार्टी पदाधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, क्षेत्रीय नागरिकगण एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट