सीआईडी अधिकारी बनकर महिला को ठगा, पुलिस ने तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार

Shashank Baranwal
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Niwari

Niwari News: मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में साइबर ठगी को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। जहां पर तीन आरोपियों ने नाटकीय रुप में घटना को अंजाम दिया है। तीनों आरोपियों ने सीआईडी अधिकारी बनकर एक महिला के साथ करीब 1 लाख 60 हजार रुपये के ठगी के रुप में लिए हैं। यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 6 का है। इस घटना के बाद महिला ने पुलिस से शिकायत की थी। जिसके बाद कोतवाली थानी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन ठगों को गिरफ्तार कर लिया है।

दोस्ती करने के बहाने घटना को दिया अंजाम

साइबर ठगी का शिकार हुई महिला ने पुलिस को बताया कि अज्ञात शख्स ने व्हाट्सएप्प कॉल करके दोस्ती करने के की बात कह रहे थे। जिस पर महिला ने मना कर दिया और कहा कि मेरे पति है मुझे कोई दोस्ती नहीं करनी है। वहीं इस कॉल के बाद महिला को बार बार कॉल करके परेशान करने लगे और गिफ्ट भेजने की बात कहने लगे। महिला ने बताया कि उसे एक अज्ञात नंबर से फिर कॉल आया जिस पर पार्सल आने की बात कही गई जिसके लिए 15 हजार देने थे।

वहीं पार्सल को लेने के बाद महिला को फिर कॉल आई। जिसमें आरोपी शख्स ने सीआईडी अधिकारी बनकर बात करते हुए पार्सल में ड्रग्स होने की बात कही। महिला ने परिवार के जेल जाने के डर से आरोपियो को करीब 1 लाख 60 हजार रुपये की राशि दी।

महिला की रिपोर्ट पर दर्ज मामला

आपको बता दें महिला की रिपोर्ट पर पुलिस ने साइबर अपराध की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों रोहित यादव, सारांश यादव और अभिषेक यादव को हिरासत में ले लिया है। वहीं पुलिस को आरोपियों के पास से 1 लाख 12 रुपये बरामद हुए। इसके साथ ही आरोपियों के खातों की जांच भी की जा रही है।

निवाड़ी से आशीष दूबे की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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