लोकभाषा में गीत रचकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश, पुलिस की अनोखी पहल

निवाड़ी, मयंक दुबे। बुन्देलखण्ड के ग्रामीण इलाकों में अशिक्षा व जागरूकता की कमी के चलते लोगों में कोरोना वैक्सीन को लेकर अलग-अलग तरह की भ्रांतियां हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में तो कई बार ऐसी स्थिति बनी कि वैक्सीन का नाम सुनकर लोग आगबबूला हो गए।और इसका विरोध करने लगे। सोशल मीडिया पर इस तरह केे वीडियो कुछ दिनों पूर्व वायरल भी हो चुके हैं जिसके बाद अब निवाडी पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार सिंह द्वारा शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए इन ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत लोकभाषा में रचे गए गीतों के माध्यम से लोगों में चेतना विकसित करने की कोशिश हो रही है।

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लोकभाषा में गीत रचकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश, पुलिस की अनोखी पहल

इस अभियान के तहत बुंदेली लोक कलाकारों के माध्यम से वैक्सीन से होने वाले फायदों के बारे में लोगों को गांव गांव जाकर जागरूक किया जा रहा है। इसमें पृथ्वीपुर एसडीओपी संतोष पटेल द्वारा लिखे गए बुंदेली लोकगीत एवं राई जिन्हें पप्पू यादव ने अपने स्वर से संवारा है। साथ ही रानू करण ढोलक की थाप से छन्दी नगड़िया की आवाज से, काशीराम झींका व बेंजो के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं। गीत ‘घर में तुम रइयो लगाय ताले बात मानों पुलिस की..कोरोना से बचने औ बचाउने, सबई जनन को टीका लगवाऊने। वैक्सीन लगवाईयो रे भइया वैक्सीन लगवाईयो लाल, वैक्सीन लगवाइयो रे बऊ वैक्सीन लगवाइयो लाल।’ के माध्यम से लोगों के मन से वैक्सीन का भय निकालने की और उन्हें नियमों की जानकारी देने की कोशिश हो रही है। गौरतलब है कि जिले के गाँव लुहुरगुवां जो कि रेड जोन में था और वहाँ कोरोना काल में आशा कार्यकर्ता का विरोध करने के कारण दो लोगो पर एफआईआर भी हो चुकी हैं। इसलिए अभियान की शुरुआत इस गांव से की गयी है। इसमें पुलिस टीम के साथ लोक कलाकार गांव में जाकर गीतों के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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