MP News : मेडिकल में एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि एडमिशन के दौरान अब हर छात्र को एक परिवार गोद लेना होगा। इतना ही नहीं अपनी पढ़ाई के दौरान गांव के लोगों की सेहत को सुधरने के लिए सेवाएं देनी होगी। अंडर ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन गाइडलाइंस के मुताबिक एडमिशन के दौरान गोद लिए गए छात्रों को गोद लिए गए परिवार की देखरेख करना होगी। इस प्रोग्राम को एनएमसी ने फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम का नाम दिया गया है। ये प्रोग्राम इसलिए शुरू किया गया है क्योंकि इससे लोगों की सेहत सुधारने में मदद मिलेगी।
MP News : एडमिशन लेते ही गोद लेना होगा परिवार
एडमिशन लेने के बाद पहले दिन से ही एमबीबीएस छात्रों को परिवार गोद लेना होगा। ये सभी के लिए अनिवार्य किया गया है। वहीं तय समय सीमा के अंदर ही मेडिकल के पूरे कोर्स को पूरा करना होगा। बड़ी बात ये है कि अब ग्रेस माक्र्स की सुविधा भी खत्म कर दी गई है। साथ ही मूल्यांकन का तरीका भी बदल गया है।
कोर्स में बड़ा बदलाव
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने इसके अलावा मेडिकल के कोर्स में बदल बदलाव किया है।दरअसल, एफएपी 4.5 साल के एमबीबीएस कोर्स का अनिवार्य हिस्सा रहेगा। 4.5 साल के इस कोर्स में 12-12 महीने दो चरण के लिए रहेंगे और तीसरे चरण के लिए 12 महीने और चौथे के लिए 18 महीने दिए गए है। ऐसे में पहले चरण में जैव रसायन, सूक्ष्म जीव विज्ञान और फोरेंसिक विज्ञान तीनों का एक ही पेपर होगा। वहीं अब सभी कोर्स को क्लीनिकल में गिना जाएगा। सभी कोर्स के लिए कॉलेजों में रिसर्च और लैब स्थापित करनी होगी।