पुलिस ने किया धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दा फाश, ज़ब्त किए 83 हजार नगद और सामान

Gaurav Sharma
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ओरछा, मयंक दुबे। मोबाइल कॉल के जरिए लोगों को लॉटरी लगने का लालच देकर धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह को पकड़ने में ओरछा पुलिस को सफलता मिली है,, पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है यह गिरोह पिछले 5 वर्षों से देश के विभिन्न राज्यो राजस्थान, झारखंड छत्तीसगढ़ ,बिहार और उत्तर प्रदेश में सैकड़ों व्यक्तियों के साथ तकरीबन पचास लाख रुपए की धोखाधड़ी कर चुका हैं पुलिस ने आरोपियों से 51 मोबाइल ,24 सिम ,14 बंद पड़ी सिम कार्ड लैपटॉप प्रिंटर स्मार्ट कैमरा बैंकों की पासबुक चेक बुक एटीएम कार्ड समेत 83,000 हजार रुपये नगद बरामद किए ।

नमस्कार आपका 5 लाख का लकी ड्रा लगा है जिसके लिए हम आप को शुभकामनाएं देते लोगों के साथ ठगी करने वाले फोन कॉल गिरोह के सदस्य कुछ इसी अंदाज में पहले लोगों को पैसे का लालच देकर उन्हें अपने झांसे में फंसाते थे और बाद में उनसे इस राशि की एवज में कुछ राशि अपने बैंक खातों में डला कर उन्हें ठग लिया करते थे, ऐसे ही एक गिरोह को पकड़ने में ओरछा पुलिस को सफलता  मिली है।

एसपी वाहिनी सिंह ने गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बताया कि 6 दिसंबर 2020 को ओरछा के नजाई मुहल्ले जितेंद्र सिंह गौतम के मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति ने माय जिओ कंपनी से दो लाख 20 हजार रुपए मिलने का मैसेज किया, जिस के लालच में आकर फरियादी ने मैसेज में दिए गए खाता क्रमांक में इनाम की राशि प्राप्त करने के लिए पांच हजार रुपये डाल दिए ।

फरियादी द्वारा पैसे डालने के बाद मोबाइल बंद हो गया और फरियादी को यह समझने में देर नहीं लगी कि वह ठगी का शिकार हुआ है । जिसके बाद उसने इसकी सूचना ओरछा थाने में की और फिर पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र व साइबर सेल के जरिए आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाना शुरू किया।

नंबर को सर्विलेंस पर डाला गया तो उसकी लोकेशन ओरछा में मिली लेकिन सिम कार्ड में जो पता था वह पृथ्वीपुर के सिमरा थाना के लमाटा गांव का था। पुलिस ने दोनों जगह अपने मुखबिर तंत्र को तेज किया और आरोपियों को पकड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया।

पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी ओरछा के बिजली ऑफिस के पास रह रहा और आरोपी आपस मे रिश्तेदार है फिर क्या था पुलिस ने ओरछा से पहले मुख्य आरोपी धर्मवीर यादव को गिरफ्तार किया और उसने पूछताछ में बताया की वह यह ठगी अपने भाई व मामा के साथ करता है। जिसके बाद पुलिस ने सभी तीन आरोपियों को बिजली ऑफिस के पास एक मकान में गिरफ्तार कर लियाा, लेकिन आरोपियों के पास से पकड़े गए मोबाइल फोन सिम कार्ड लैपटॉप प्रिंटर स्मार्ट कैमरा समेत पासबुक चेक बुक क्रेडिट कार्ड को देख पुलिस भी हक्का-बक्का रह गई।

कढ़ाई से पूछताछ के बाद आरोपियों ने कबूला कि वह देश के अलग-अलग राज्यों में लॉटरी के नाम पर लोगों से ठगी करते हैं । इस पूरे ठग गिरोह गिरोह ने अपने इस कारोबार में अपने रिश्तेदारों और दोस्तों यहां तक कि उन लोगों का भी सहारा लिया, जिनको पता ही नहीं कि उनके बैंक पासबुक में यह ठगी का पैसा आ रहा है।

यह लोग अपने आसपास के लोगों के बैंक अकाउंट में उनकी पासबुक को लेकर ठगी की रकम को ले लिया करते थे और उनके बैंक एटीएम व पासबुक को अपने पास रखा करते थे एसपी वाहनी सिंह की माने तो यह गिरोह अब तक अलग-अलग राज्यों में लोगों से ₹50,00,000 की ठगी कर चुका है । वहीं पुलिस यह भी बताती है कि निवाड़ी जिले के थोना, अस्तरी, लमाटा ,नोरा गोवा, कटेरा ,गणेशपुरा आरा मशीन समेत तमाम इलाकों इस गिरोह के सदस्यों का जाल बिछा हुआ है जिसको पुलिस ट्रेक करने में जुटी है।

निवाड़ी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर 420 समेत साइबरक्राइम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है और पुलिस कार्रवाई को बड़ी सफलता मान रही हो लेकिन अब भी बुंदेलखंड के इस निवाड़ी जिले के दर्जनों गांव हैं जहां इसी तरह मोबाइल पर ठगी कर कभी लॉटरी के नाम पर कभी टूर पैकेज के नाम पर तो कभी रकम को दोगुनी करने के नाम पर ठगी हो रही है ऐसे में जिले में संचालित ऐसे गिरोहों के अंतिम व्यक्ति तक पुलिस कब तक पहुँच सकेगी यह उसके लिए बड़ी चुनौती है ।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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