भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पिछले दो साल से पूरा देश कोरोना महामारी की चपेट में आने से जूझ रह है। वहीं कोविड के बाद लोग अभी तक ब्लैक फंगस के संक्रमण से परेशान थे लेकिन अब कई मरीजों में कोरोना संक्रमण के बाद टीबी की बीमारी देखने को मिल रही है। कोविड संक्रमण के बाद पोस्ट कोविड मरीजों में टीबी होने के मामले भी सामने आ रहे हैं।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर में कही ये बड़ी बाते, साधा पूर्व सीएम पर निशाना !
इंदौर के अरबिंदो अस्पताल की पोस्ट कोविड ओपीडी में पिछले दो दिनों में छह ऐसे मामले पहुंचे हैं, जिनमें मरीज को कोविड संक्रमण के बाद टीबी की शिकायत हुई। टीबी का यह संक्रमण बुजुर्गों के अलावा अब 20 से 30 साल के युवाओं में भी दिखाई दे रहा है। पोस्ट कोविड के मरीजों को जब लंबे समय तक खांसी बनी रही तो उनकी जांच करवाने पर पाया गया कि उन्हें टीबी हुआ है।
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों में कोविड मरीजों के कुछ मामलों में पाया गया कि मरीजों को पहले कोरोना हुआ जिनका इलाज होने के बाद वे ठीक हुए लेकिन 15 से 30 दिन के बाद फिर बुखार आया जिसके बाद मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं इलाज के दौरान मरीज कों एंटी फंगल इंजेक्शन व अन्य दवाएं देने के बाद भी सुधार नहीं हुआ। जब ब्रोकोस्कोपी से जांच की गई तो उनके फेफड़ों में टीबी के कीटाणू मिल रहे हैं।
MP Board: 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए बड़ी खबर, 30 सितंबर तक भरें जाएंगे परीक्षा फाॅर्म
विशेषज्ञों की सलाह मांने-
विशेषज्ञों और डॉक्टरों के मुताबिक यदि आपको दो सप्ताह से ज्यादा खांसी रहती है तो टीबी की पहचान के लिए खंखार की जांच जरूर करवांए। खांसी व बुखार दो सप्ताह से ज्यादा समय तक रहने के कारण टीबी होने की संभावना रहती है। कोविड वायरस के कारण अंदरूनी फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और इम्युनिटी भी कम हो जाती है। इसका फायदा फंगस व टीबी के कीटाणु उठाते हैं और उससे संक्रमण होता है। यही वजह है कि कई मरीजों में कोविड के बाद अब टीबी के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं। यदि किसी मरीज को दो दिन तक लगातार खांसी हो तो कोविड की जांच करवाएं और यदि खांसी दो सप्ताह से ज्यादा समय हो तो खंखार की जांच करवाए।