Gwalior में महाराष्ट्र, इंदौर, भोपाल से आने वालों के घर के बाहर लगेंगे पोस्टर, पांच गुना हो सकता है जुर्माना

Atul Saxena
Published on -
पूर्व सांसद

ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  प्रदेश के दूसरे जिलों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) भी सतर्क हो गया है। ग्वालियर संभाग आयुक्त (Gwalior Divisional Commissioner) और ग्वालियर कलेक्टर (Gwalior Collector) दोनों वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्देश दिए हैं कि बाहर से आने वालों की स्क्रीनिंग को गंभीरता से करें और मास्क लगाने के नियम का सख्ती से पालन कराएं।

ग्वालियर संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना (Gwalior Divisional Commissioner Ashish Saxena) ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि  कोरोना संक्रमण की रोकथाम के शहर के बाहरी क्षेत्रों में नाके बनाये और वहां कर्मचारी तैनात कर बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग का कड़ाई से पालन किया  जाये। ग्वालियर संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना (Gwalior Divisional Commissioner Ashish Saxena)ने इंसिडेंट कमांडरों को निर्देश दिए कि महाराष्ट्र के अलावा इंदौर भोपाल से ग्वालियर आने वाले लोगों के घरों के बाहर पोस्टर लगाए जाएँ।  ग्वालियर संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना (Gwalior Divisional Commissioner Ashish Saxena) ने सभी 41  इंसिडेंट कमांडरों को निर्देश दिए हैं कि वे रोज सुबह अपने क्षेत्र के जोन कार्यालय में पहुंचे, वहीँ से वर्चुअल मीटिंग में बात की जाएगी।

ये भी पढ़ें – कार में हो रही Corona जांच, लोगों को पंसद आ रहा ड्राइव थ्रू सैम्पलिंग कांसेप्ट  

वहीं ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Gwalior Collector Kaushalendra Vikram Singh) ने  बताया कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब और सख्ती की जाएगी।  अभी तक बिना मास्क लगाए 5000 लोगों से 5  लाख रुपये की जुर्माना राशि वसूली जा चुकी है फिर भी लोग मास्क को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अब बिना मास्क घूमने वालों से 500 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा जल्दी ही इसका प्रस्ताव क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में रखा जाएगा साथ ही लापरवाह लोगों के लिए खुली जेल जैसी सख्ती को फिर से लागू करना होगा।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News