राजगढ़, डेस्क रिपोर्ट। जिले के जिस गांव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने दलित महिला के हाथों बेर खाए थे। और पूर्व मुख्यमंत्री ने जनजागरण अभियान पदयात्रा की शुरुआत की थी उसी गांव में दबंगो ने एक दलित लड़की की शादी में इतना कहर ढाया की टेंट उखाड़ दिए। बिजली काट दी। बारात गांव में नही घुसने दी। पुलिस पहुंची तो पुलिस पर भी पथराव कर दिया।वही भीड़ को भगाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, घटना के बाद गाँव मे जिलेभर से पुलिस फोर्स को तैनात किया गया और पुलिस की मौजूदगी में भी गाँव के अंदर दूल्हे का जुलूस नही जा पाया, भारी पुलिस बल के साथ गाँव के बाहर दलित बस्ती में कुछ ही दूरी पर डीजे के साथ जुलूस निकाला और आधी सुबह 3 बजे पुलिस के साए में एक स्कूल में बरातियों को खाना खिलवाया गया, फिर लड़की के घर पर 7 फेरों की रस्म अदा की गई।
यह भी पढ़ें… मध्य प्रदेश के आदिवासियों द्वारा बनाई जाने वाली महुआ शराब होगी हेरिटेज में शामिल
राजगढ़ जिले के जीरापुर थाना क्षेत्र के गांव पिपलिया कलां में अनीता मेघवाल, पिता बिरमसिंह की शादी बीती रविवार रात होना थी । राजगढ़ के पाटन खुर्द गांव से राहुल पिता कंवरलाल मेघवाल की बारात डीजे के साथ बनठन कर आई थी। डीजे आने की सूचना पर ग्रामीण दबंगो ने बारात में डीजे का मना कर दिया। इस बात पर दलित दूल्हे के परिजनों ने पुलिस को दबंगो के खिलाप एक आवेदन दे दिया। आवेदन की जानकारी लगने के बाद दबंगो का कहर दलित लड़की के परिजनों पर टूट पड़ा। जिस खेत मे टेंट लगाया गया था। वहां दबंगो ने बारात आने के पहले ही टेंट उखाड़ दिया । गाँव मे दलित बस्ती की बिजली काट दी। गाँव मे बरात आने के लिए धमकी दी गई, जिसको लेकर बरात को छापीहेड़ा में रुकना पड़ा।
यह भी पढ़ें… 16 मई से 10 जून तक बंद रहेंगे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, इन मामलों पर हो सकेगी सुनवाई
दबंगो के हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुची तो गाँव के दबंगो के पुलिस पर पथराव कर दिया और गांव में नही घुसने दिया। प्रशासन ने रात में दलित बस्ती की बिजली चालू करवाई और दोबारा बल लेकर पुलिस पहुंची और अश्रुगैस के गोले दागे। तब तक राजगढ़ सूचना पहुंचने पर चार थानों के बल के साथ ही पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा और कलेक्टर हर्ष दीक्षित मौके पर पहुंचे तब कहीं जाकर छापीहेड़ा में रुकी हुई बारात व दूल्हे को पुलिस अपने साथ बैठाकर गाँव मे लेकर आई, लेकिन हंगामे को देख ,आधे बराती गाँव मे आने से पहले चले गए, पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया,और आधी रात को घोड़ी और डीजे के साथ दलित बस्ती में दूल्हे का थोड़े जुलूस निकाला गया जिसमें भारी पुलिसबल तैनात रहा, खास बात यह रही कि भारी पुलिस बल के बाबजूद भी गाँव के अंदर दूल्हे की बरात का जुलूस नही जा पाया , गाँव के एक स्कूल में दूल्हे के साथ चंद मेहमानों को खाना खिलाया गया, और फिर लड़की के घर सात फेरों की रस्म अदा करवाकर बारात विदा की गई।
चप्पा चप्पा बना छावनी
रात में ही ख़िलचीपुर जीरापुर राजगढ़ और छापीहेड़ा थाने का बल गांव में पहुंच गया था और हर गली कोने पर पुलिस की तैनाती कर दी गयी है। पुलिस दबंगो के इस कृत्य की पड़ताल कर रही है।
शिवराज ने खाए थे बेर
पिपलिया कलां गांव तब सुर्खियों में आया था जब नवंबर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने यहां से कांग्रेस की जनजागरण पदयात्रा की शुरुआत करवाई थी। उसी गांव में 29 जनवरी 2022 को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने जिले की वृहद नलजल योजना की शुरुआत की तब एक दलित महिला के हाथों से बेर खाए थे और बोले थे यह शबरी के बेर है।