कांग्रेस ने E-Pass सिस्टम को बताया तुगलकी फरमान, पूर्व मुख्यमंत्री को लिखा शिकायती पत्र

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रतलाम, सुशील खरे। रतलाम कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्र कटारिया (Ratlam Congress Mahendra Kataria) ने कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के नियंत्रण के लिए लागू की जा रही ई-पास सिस्टम (E-Pass System) को तुगलकी निर्णय बताते हुए इस काले कानून को वापस लेने की मांग की है। महेन्द्र कटारिया ने इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former CM Kamalnath) को पत्र लिखकर जिला प्रशासन के मनमाने निर्णय की शिकायत की है।

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रतलाम कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्र कटारिया ने पत्र में लिखा कि गरीब, निर्धन और मध्यम श्रेणी के लोग पिछले एक माह से परेशान है। छोटा से छोटा व्यवसाय कर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले लोगों को भी प्रशासन ने बेरोजगार कर दिया है। जिले में लाखों की जनसंख्या है, कितनों के पास एंड्रॉयड फोन हैं, कितनो के पास कम्प्यूटर, गरीब मजदूर शासन की योजना का राशन लेने जाएगा या मोबाईल खरीद कर ई-पास डाउन लोड करेगा। इतना ही पैसा अगर गरीब के पास है तो मुफ्त का राशन लेने बेचारा क्यों जाएगा।

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महेन्द्र कटारिया ने पत्र में बताया कि ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहर में कोरोना संक्रमण के आंकड़े कम आ रहे हैं। यह आंकड़े जादुई है या सही, यह नहीं कहा जा सकता। क्योंकि जो रिपोर्ट आ रही है और जो अकाल मौतें शहर में हो रही है, उससे लगता है कि प्रशासन मौत का आंकड़ा भी छुपा रहा है और वह यह दर्शाना चाहता है कि शहर में संक्रमण नियंत्रण में है और लोग स्वस्थ हो रहे हैं। क्या कारण है कि कोरोना कर्फ्यू में चल रही सामान्य स्थिति में जिसका पालन हर व्यक्ति कर रहा है, ऐसे में ई-पास सिस्टम लागू किया गया है। गरीब जनता के पास ना तो एंड्रॉयड फोन है, न इंटरनेट कनेक्शन है जिससे पास बनवा सके। इससे लोगों की परेशानियां बढ़ेगी।

पत्र में दिए यह सुझाव

महेन्द्र कटारिया ने पत्र में बताया कि दवाईयों की दुकानों का समय जो निर्धारित किया गया है, वह न्यायौचित नहीं है। सभी दवाई की दुकानें पूर्वानुसार खुली रहनी चाहिए। किराना दुकान के लिए जो समय निर्धारित किए गए थे वह पून: प्रारंभ किया जाना चाहिए। सब्जी बेचकर व्यापार करने वालों को रोजगार का अवसर उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि गरीब व कमजोर वर्ग के लोग जो भुखमरी का शिकार हो रहे है उन्हें थोड़ी सी राहत मिल सके। कटारिया ने कहा कि वैक्सीन के लिए अधिक से अधिक केंद्र बनाए जाए। 18+ के लोगों को पंजीयन में जो दिक्कत आ रही है उसे दूर किया जाना चाहिए। क्योंकि वैक्सीन अनिवार्य है, केंद्र और राज्य सरकार भी वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित कर रही है, लेकिन पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध न होने से लोगों को वह नहीं लग पा रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए। कोई भी व्यक्ति कोरोना का हो या अन्य रोगों का बिना उपचार के शासकीय और निजी अस्पताल से निराश होकर न लौट पाए।

गरीबों का बिल माफ करने सौंपा ज्ञापन

वहीं इसके पहले कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने बिजली विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियरिंग से मिलकर बिजली बिल भरने की से छूट देने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कोरोना महामारी के कारण शहर के नागरिक विगत 2 माह से लॉकडाउन झेल रहे हैं। ऐसी दशा में मध्यम वर्गीय रोजमर्रा कमाने वाले मजदूर वर्ग के सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। इस परिस्थिति में भी मध्य प्रदेश विद्युत मंडल उपभोक्ताओं को भारी भरकम बिल दे रहा है और बिल न भरने पर कनेक्शन काटने की धमकी दी जा रही है। इसके विरोध में शुक्रवार को शहर कांग्रेस कमेटी प्रतिनिधिमंडल द्वारा एक ज्ञापन अधीक्षण यंत्री श्री वर्मा और शहरसंभाग प्रमुख यंत्री विनय सिंह को सौंपा गया। ज्ञापन में मांग की गई है कि तत्काल गरीब वर्गों के बिल माफ किया जाए व वर्तमान समय में वसूली स्थगित की जाए। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल ने खुद ने अपने काउंटर बंद कर रखे हैं ऐसी अवस्था में कोई पेनल्टी वसूली नहीं की जाए। जिस पर अधीक्षण यंत्री महोदय ने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


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Prashant Chourdia

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