रतलाम, सुशील खरे। दमोह उपचुनाव (Damoh By election) में बीजेपी (BJP) की करारी हार के बाद पूर्व मंत्री जयंत मलैया (Jayant Malaiya) पर पार्टी की कार्रवाई की बाद सियासी पारा हाई हो गया है। एक तरफ प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे और वर्तमान बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने ट्वीट करके हार के जिम्मेदारों से सवाल पूछा है। वहीं मंत्री जयंत मलैया (Jayant Malaiya) दिल्ली (Delhi) जाने की तैयारी में है जहां वे जेपी नड्डा (JP Nadda) सहित कई आला नेताओं के सामने अपनी बात रखने वाले हैं। इसी बीच पूर्व गृहमंत्री एवं राज्य योजना आयोग के पूर्व अध्यक्ष ओर भाजपा के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी (Himmat Kothari) भी जयंत मलैया के पक्ष में सामने आ गए हैं।
जयंत मलैया को बलि का बकरा बनाया- हिम्मत कोठारी
दमोह विधानसभा उपचुनाव में मिली पराजय के बाद भाजपा में उठा सियासी घमासान थमने का नाम नही ले रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी ने जयंत मलैया पर हुई कार्रवाई को पूरी तरह गलत ठहराया है। उन्होने कहा कि समीक्षा बैठक ईमानदारी से तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए। उन्होने कहा कि मलैया जी का परिवार जनसंघ के जमाने से काम कर रहा है। उनको नोटिस देना किसी को बलि का बकरा बनाना है।
राहुल लोधी को टिकिट देने पर उठाए सवाल
वहीं उन्होने सीधे सीधे सवाल किया कि राहुल लोधी को बीजेपी में लेने की और टिकिट देने क्या वजह थी। पार्टी ने उन्हें निगम का चेयरमैन बनाकर मंत्री का दर्जा क्यों दे दिया। हिम्मत कोठारी ने अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लाए दलबदल कानून का हवाला देते हुए कहा कि आज उस कानून का कोई औचित्य नहीं बचा। उन्होने साफ कहा कि आज के समय सौदेबाजी से दलबदल हो रहा है। उन्होने कहा कि जब कोई हमारी पार्टी के किसी दूसरी पार्टी में जाता है तो हम उसे गद्दार मानते हैं, तो फिर किसी दूसरी पार्टी से अपने यहां आने वाले को सही कैसे मान सकते हैं।
तीसरी पीढ़ी की उपेक्षा का आरोप
हिम्मत कोठारी ने सीधे सीधे पार्टी की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी वही अच्छी होती है जो एक पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी को तैयार करे, परिवारवाद नहीं आए। उन्होने कहा कि जब हम दूसरी पीढी़ के लोग थे तो हमारे वरिष्ठों ने हमें तैयार किया। हमारे सामने शिवराज जी, नरेंद्र तोमर जी की तीसरी पीढ़ी आई और हमने तीसरी पीढ़ी के नेतृत्व में भी काम किया। उन्होने कहा कि फिर क्या कारण है कि हमारी उपेक्षा हो रही है। हमें कोई पद नहीं चाहिए, लेकिन तीसरी पीढ़ी को पूरी तरह उपेक्षित कर दिया गया है। पार्टी के मंच पर केवल नेताओं के भाषण होते हैं। वहां कार्यकर्ता को बोलने का अवसर नहीं मिलता है तो कार्यकर्ता कहां बोलेगा।
महंगाई का मुद्दा उठाया, कहा- पूंजीपतियों को मिल रहा बढ़ावा
उन्होने महंगाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दमोह उपचुनाव में हार का एक बड़ा कारण महंगाई भी है। बिना वजह के राहुल लोधी को टिकिट देना हार का एक कारण है। मध्यम वर्ग को उपेक्षित करना एक कारण है। बड़े पूंजीपतियों को लाकर मध्यमवर्गीय व्यापारियों की कमर तोड़ दी गई है। मध्यम और निम्म वर्ग हमारा वोट बैंक था लेकिन आज हर जगह पूंजीपति कब्जा कर रहे हैं। ऐसे में मध्यम वर्ग की उपेक्षा हार का एक बड़ा कारण है और इसकी समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि पहले पार्टी सामूहिक नेतृत्व से चलती थी, लेकिन अब वो नहीं हो रहा है।