रतलाम, सुशील खरे। प्रदेश में उप चुनाव का मौसम है और नगरीय निकाय चुनावों में अभी समय है। ऐसे में आलोट नगर परिषद के स्वयं सेवी संस्थाओं ने नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां शासकीय चिकित्सालय में डॉक्टरों की बेहद कमी है जिसे लेकर सामाजिक संगठन द्वारा एसडीएम आलोट को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। इनका कहना है कि जब तक अस्पताल में चिकित्सकों की व्यवस्था नहीं हो जाती, कोई इनसे वोट मांगने न आए।
आलोट में सैल्यूट तिरंगा परिवार द्वारा शासकीय चिकित्सालय आलोट की बिगड़ती हालत को देखते हुए रोष जताया गया है। इनका कहना है कि आए दिन डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। बस यहां पर्ची काटकर खानापूर्ति कर दी जाती है। 50 बेड का हॉस्पिटल अव्यवस्थाओं पर आंसू बहा रहा है। मजबूरन मरीजों को बाहर जाकर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेना पड़ रहा है। ओपीडी में मरीजों को देखने वाला समय पर कोई नहीं मिलता, पहले नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई थी जो अब बंद कर दी गई है। कई डॉक्टरों की आलोट में नियुक्ति होती है लेकिन आलोट चिकित्सा अधिकारी के द्वारा उनकी अन्य जगह नियुक्तियां की जाती है जिसको लेकर जनता में भी रोष है। कई बार डॉक्टर ना होने के कारण अस्पताल स्टाफ के साथ लोगों की तकरार भी हो चुकी है। इसी को लेकर संस्था ने शासकीय चिकित्सालय में एक पुलिस जवान की ड्यूटी की मांग की है। साथ ही कहा है कि पहले यहां डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए तभी कोई वोट मांगने आए। संस्था ने कहा है कि अगर 15 दिन में यह मांगें पूरी नहीं हुई तो वो उग्र आंदोलन करेंगे।