सुब्रत राय को पकड़ने के लिए गई पुलिस की टीम, धोखाधड़ी के आरोप

Gaurav Sharma
Published on -

रतलाम, डेस्क रिपोर्ट। सहारा प्रमुख सुब्रत राय की गिरफ्तारी की कवायद तेज हो गई है। रतलाम जिले के जावरा की दो पुलिस टीमें सुब्रत राय की गिरफ्तारी के लिए लखनऊ और मुंबई गई है। सुब्रत पर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप में एफ आई आर दर्ज हुई थी जिसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किए हैं।

देशभर में लाखों निवेशकों के अरबों खरबों रुपए डकार बैठी सहारा इंडिया कंपनी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही। ताजा मामला रतलाम जिले के जावरा का है जहां सुब्रतो राय सहित उनके कई अधिकारियों के खिलाफ निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले दर्ज हैं।

दरअसल आरोप है कि अकेले रतलाम जिले में लगभग डेढ़ अरब रुपए से ज्यादा लोगों का सहारा को लौटाना है लेकिन कंपनी की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया है। धन को दोगुना और तीन गुना करने का लालच दिखाकर कंपनी ने हजारों निवेशकों से पैसा तो निवेश करवा लिया लेकिन परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी वह वापस नहीं लौटाया जा रहा है। ऐसे में वीरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में जन संघर्ष न्याय मोर्चा के बैनर पर आंदोलन हुआ था और उसके बाद थाने में एफ आई आर दर्ज की गई। मामला कोर्ट में पहुंचा और सुब्रत राय सहारा और अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी हुए। इस मामले में सहारा के उज्जैन संभाग के मैनेजर देवेन्द्र शर्मा को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। अकेले रतलाम जिले में 60000 खाताधारकों का 80 करोड़ मूलधन और डेढ़ गुना तक ब्याज की राशि बकाया है, ऐसा जन संघर्ष मोर्चा के प्रभारी गिरजा शंकर दायमा का कहना है। अब जावरा से पुलिस की दो टीमें एक मुंबई और एक लखनऊ भेजी गई है और सुब्रतो राय की गिरफ्तारी की कवायद तेज हो गई है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News