रतलाम, सुशील खरे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) समेत पूरे देश में कोरोना (Corona) ने हाहाकार मचा रखा है प्रदेश में कोरोना से हालात ठीक नहीं है कहीं मरीज बेड के लिए भटक रहे हैं तो कहीं ऑक्सीजन (Oxygen) नहीं मिल पा रहा है, कल मंगलवार की ही बात थी जब बेड नहीं मिल पाने के कारण एक वकील की रास्ते में ही मौत हो गई थी, वह एक बार फिर रतलाम मेडिकल कॉलेज (Ratlam Medical College) की लापरवाही देखने को मिली है जहां पर एक मरीज इलाज के लिए गेट पर घंटों तड़पता रहा और इलाज नहीं मिल पाने के कारण आखिरकार उसने दम तोड़ दिया।
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रतलाम मेडिकल कॉलेज में गार्ड, चपरासी, चौकीदार ही डॉक्टर, डीन, नर्स और कंपाउंडर सब बन गए हैं, वही तय करने लगे कि कौन कितना गंभीर रोगी है बेड देने से लेकर भर्ती करना है या नहीं ये सब अस्पताल के गार्ड और चपरासी के हांथ में है इतना ही नहीं यह सब चल रहा है जिला प्रशासन की आंखों के सामने लेकिन फिर भी इसकी कोई सुध नहीं ले रहा है। और आज एक बार फिर मानवता को तार-तार करने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां एक मरीज ने अस्पताल के गेट पर ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया लेकिन उसे इलाज नसीब न हो सका, वही गेट पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड, अस्पताल में बेड फुल होने की बात कर परिजनों से विवाद करता रहा, लेकिन उसने मरीज की हालत की जानकारी अंदर देने की जहमत नहीं उठाई और नतीजा यह निकला कि मरीज घंटो गेट पर ही तड़पता रहा और उसकी जान चली गई, वही जैसे ही मरीज की मौत की खबर और हंगामे की आवाजे अंदर जिम्मेदारों तक पहुंची तो वे मेडिकल उपकरण लेकर बाहर पहुंचे और मृतक को चेक करने का दिखावा करने लगे लेकिन ऐसी तत्परता समय रहते दिखाई होती तो शायद मरीज की जान बच जाती |