MP News : युवती के मायके आते ही जागा प्रेमी का प्रेम, इंकार करने पर उतारा मौत के घाट

Pooja Khodani
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रीवा, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा जिले (Rewa District) से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां प्रेम प्रसंग के चलते एक सिरफिरे आशिक ने शादी के बाद मायके आई प्रेमिका (lover) की कुल्हड़ी से काटकाट हत्या कर दी। घटना के बाद से आरोपी फरार है, मौके पर पहुंची पुलिस (Rewa Police) ने शव को पोस्टमार्टम (Post Mortem) के लिए मर्चुरी (Munchuri) में रखवा कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। वही परिजनों ने युवक की गिरफ्तार की मांग की है।घटना के बाद से ही गांव में तनाव का माहौल है।

मिली जानकारी के अनुसार, मृतिका कल्पना वर्मा की शादी नोढिया थाना शंकरगढ़ उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हुई थी। वह कुछ दिनों के लिए घुमने अपने ननिहाल रीवा के गांव अतरैला आई हुई थी। गुरुवार की शाम वह अपनी मामा की लड़की के साथ घर से निकली थी तो मोहनिया प्लाट पर गांव के ही एक युवक रमाशंकर साकेत ने उसे रोक लिया। पहले तो दोनों के बीच कुछ बात हुई फिर आरोपी ने कुल्हाड़ी (Axe) उठाकर युवती पर वार कर दिया जिसमें उसका आधा गला कट गया और वह खून (Blood) से लथपथ हालत में वही गिर पड़ी और दम तोड़ दिया।

यह घटनाक्रम इतनी तेजी से घटा की साथ आई मामा की लड़की कुछ समझ नही पाई और वहां से जान बचाकर भाग गई और घर आकर परिजनों को घटना की जानकारी दी। जब परिजन मौके पर पहुंचे तो खून से लथपथ हालत में युवती का शव पड़ा हुआ था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और युवती के शव को पीएम के लिए भेजा। घटना स्थन पर पुलिस को युवती का मोबाइल मिला है, मोबाइल (Mobile) में कल्पना द्वारा रमाशंकर को भेजा एक मैसेज (Messege) मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि ”मैं आ रही हूं। मुझे छूना नहीं, काटना होगा तो काटकर मेरी हत्या कर देना”।

प्रथम दृश्यता में यह प्रेम प्रसंग का मामला बताया जा रहै है, फोन (Phone) के मैसेज से यह तो साफ हो गया है  कि  कल्पना रमाशंकर को बहुत अच्छे तरीके से न केवल जानती थी, बल्कि उसके बीच अच्छे संबंध भी थे।  पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है औऱ मामला दर्ज कर आरोपी रमाशंकर की तलाश शुरु कर दी है। रमाशंकर की गिरफ्तारी के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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