Rewa News : मध्य प्रदेश का रीवा जिला हमेशा चर्चा में बना रहता है। इसी बीच प्रशासन द्वारा स्टोन क्रशर संचालकों के खिलाफ फिर से शिकंजा कसा जा रहा है। दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निर्देश जारी किया गया है। जिसके तहत राज्य स्तरीय पर्यावरण समाधान निर्धारण प्राधिकरण की ओर से कलेक्टर को पत्र भेजा गया है।
इसके तहत जिले भर में निर्धारित मानकों के अनुसार स्टोन क्रशर का पंजीयन कराना अनिवार्य है। यदि इसका उल्लंघन करते हुए पाया गया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने दी जानकारी
जिसे लेकर कलेक्टर प्रतिभा पालने जानकारी देते हुए बताया कि स्टोन क्रशर संचालक को लेकर निर्देश जारी किया गया है। जिनके पास पहले से ही दर की अनुमति है। उन्हें भी सिया की अनुमति के लिए आवेदन कर दिए गए हैं, जिसकी व्यवस्था मार्च 2025 तक पूरी हो जाएगी। वहीं, जिन्होंने अब तक आवेदन नहीं किए हैं, उन्हें 5 दिसंबर तक आवेदन करवाना था। अब उनपर प्रशासन कार्रवाई के लिए तैयार है।
रखी जाएगी पैनी नजर
जो क्रशर संचालक जारी नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन पर पैनी नजर रखी जाएगी। इसलिए क्रशर संचालक को राज स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। अन्यथा, उनका संचालन बंद कर दिया जाएगा। लीज लेते समय संचालकों को पूरी जानकारी दे दी जाती है। नियम और शर्तों के हिसाब से ही आगे की कार्रवाई की जाती है।
अधिवक्ता ने कही ये बात
बता दें कि सरकार द्वारा जारी आदेश पर एनजीटी ने रीवा सहित सतना के 32 से अधिक स्टोन क्रशर का दौरा किया था। इस दौरान जांच-पड़ताल में अधिकांश जगहों पर नियमों के विपरीत संचालन पाया गया। मामले को लेकर अधिवक्ता बीके माला ने बताया कि जो भी शासन के निर्देश का पालन नहीं कर रहे उन पर कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि पर्यावरण प्रदूषण काफी गंभीर विषय है। नियम का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए।