Rewa News : देशभर में 14 और 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाया जा रहा है। जिसे लेकर सभी राज्यों में अलग-अलग उत्साह देखने को मिल रहा है। कहीं-कहीं यह पर्व आज ही मनाया जा रहा है तो कुछ स्थानों पर इस त्योहार को कल सेलिब्रेट किया जाएगा। इसी कड़ी में रीवा के किला परिसर में भी संक्रांति का मेला सज चुका है। यहां लोग खिलौनों, खान-पान और विभिन्न सामग्रियों की दुकानें लगी है, जहां से लोग खरीदारी करते हैं।
समृद्धि से भरा है इतिहास
इस मौके पर भगवान महामृत्युंजय के दर्शन करने के लिए भी लोग इस स्थान पर आते हैं। दरअसल, रीवा के महामृत्युंजय मंदिर का 1001 छिद्रों वाला मंदिर बहुत खास है। जिसका इतिहास समृद्धि से भरा हुआ है, जहां मकर संक्रांति के अवसर पर लोग मंदिर में भगवान महामृत्युंजय की पूजा-अर्चना करने आते हैं। लोग यहां आकर अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
100 वर्ष पूरानी परंपरा
वहीं, मंदिर के पुजारी ने बताया कि तिथि के अनुसार 15 जनवरी को मकर संक्रांत मनाया जा रहा है इसलिए कल भक्तों की और अधिक भीड़ देखने को मिलेगी। उन्होंने आगे बताया कि किला परिसर में 100 वर्षों से मेला लगाने की परंपरा चली आ रही है। इसी कारण 14 जनवरी से ही संक्रांति का मेला सज गया है। यहां जिला ही नहीं बल्कि पूरे देशभर से लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
इस दिन दान करने का महत्व
भारतीय हिन्दू पंचांग में मकर संक्रांति महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह सूर्य का उत्तरायण होने का संकेत देता है। मकर संक्रांति का अर्थ है “सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश होना”। इस दिन सूर्य उत्तरायणी गति में होता है, जिससे दिन का समय बढ़ता है और रात का समय कम होता है। इस दिन लोग सूर्य देव की पूजा, दान और विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन करते हैं। बता दें कि भारत में इसे विभिन्न नामों से मनाया जाता है जैसे मकर संक्रांति, पोंगल (तमिलनाडु), उत्तरायण (गुजरात), खिचड़ी (बंगाल, बिहार और झारखंड), लोहड़ी (पंजाब, हरियाणा) और बिहु (असम) आदि।