ग्वालियर, अतुल सक्सेना। देश के सर्वश्रेष्ठ बोर्डिंग स्कूलों में शामिल विश्व प्रसिद्द सिंधिया स्कूल ग्वालियर फोर्ट (Scindia School Gwalior Fort ) में घुसपैठ करने की कोशिश करने वाले युवक की भाषा पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है। युवक जो भाषा बोल रहा है वो नेपाल (Nepal )की लग रही है। उसकी भाषा से उसका नाम प्रेम कारकी, नेपाल समझ आया है। फिलहाल पुलिस 24 घंटे बाद भी युवक से ये पता लगा पाने में नाकामयाब रही है कि उसने सिंधिया स्कूल में घुसपैठ की कोशिश क्यों की? पुलिस आज युवक को न्यायालय में पेश करेगी।
ग्वालियर किला स्थित सिंधिया स्कूल (Scindia School Gwalior Fort ) में घुसपैठ करने वाले एक युवक को स्कूल के गार्ड्स ने पकड़कर रविवार को पुलिस के हवाले कर दिया। रविवार को एक युवक दीवार फांदकर स्कूल परिसर में घुसने की कोशिश कर रहा था, वो छात्रावास की तरफ जा रहा था तभी परिसर में तैनात गार्ड्स की नजर उस पर पड़ गई। स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद बहोड़ापुर थाना पुलिस युवक को अपने साथ ले गई। पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की कोशिश की तो उसकी भाषा समझ नहीं आई।
शुरुआत में युवक की भाषा कश्मीरी लगी तो पुलिस सतर्क हो गई। पुलिस ने शहर में कश्मीरी तलाशने शुरू किये और जीवाजी विश्व विद्यालय (Jiwaji University) में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों से बात कराई तो भाषा कश्मीरी नहीं निकली। अब पुलिस की परेशानी और बढ़ गई। युवक जो कुछ भी बोल रहा था वो पुलिस की समझ में नहीं आ रहा था।
पुलिस ने अपने महकमे में अलग अलग भाषा के जानकार तलाशे। एसटीएफ (STF) में पदस्थ एक हवलदार ने जब नेपाली में युवक से बात की तो उसने अपना नाम प्रेम कारकी बताया वो बार बार नेपाल(Nepal) शब्द का प्रयोग भी कर रहा है। हालाँकि वो कुछ कह रहा है वो ज्यादा समझ में नहीं आ रहा। संभव है कि नेपाल (Nepal) की वो ऐसे भाषा बोलता हो जो एसटीएफ के हवालदार की समझ में नहीं आ रही है।
न्यायालय में पेश करेगी पुलिस
बहोड़ापुर थाने के टी आई प्रशांत यादव (TI Prashant Yadav) ने बताया कि युवक पूछताछ में अपना नाम ही बता पा रहा है। उसकी भाषा समझ नहीं आ रही। इसीलिए ये पता नहीं चल सका है कि वो सिंधिया स्कूल में घुसने की कोशिश क्यों कर रहा था, उसके पास से कोई पहचान पत्र भी नहीं मिला है। पुलिस अब उसे गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश कर रहे हैं उसके बाद न्यायालय जो निर्देश देगा उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि सिंधिया स्कूल (Scindia School) में देश की बड़ी हस्तियों के बच्चे पढ़ते हैं ऐसे में एक अनजान व्यक्ति का चुपचाप घुसपैठ करना कई संदेहों को जन्म देता है। अच्छी बात ये है कि सिंधिया स्कूल के गार्ड्स की नजर घुसपैठिये पर पड़ गई और उसे पकड़ लिया गया।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....