यहां हुआ भीषण हादसा ,अनियंत्रित होकर ट्रक जामनी नदी में गिरा ,चालक की मौत

Gaurav Sharma
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सागर, विनोद जैन। जिले के मालथौन के पाली पिडरुआ मार्ग पर एक लोहे से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर पुलिया से नीचे जा गिरा, जिसमें सवार ट्रक चालक की दबकर मौत हो गई  , साथी दूसरे सवार क्लीनर को बमुश्किल दो घंटे की काफी मशक्कत के बाद निकला गया, जिसे गम्भीर हालत में नजदीकी अस्तपाल में भर्ती कराया गया।

दरअसल, बांदरी थाना अंतर्गत पुलिस चौकी रजवांस के पाली से पिडुआ मार्ग के मोहली बुजुर्ग गांव के पास एक ट्रक बेकाबू होकर पुलिया में गिर गया, जिसमें ट्रक चालक की मौके पर मौत हो गई। जबकि क्लींजर को गंभीर अवस्था में 108 की सहायता से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालथौन भर्ती किया गया।

पुलिस  के अनुसार ट्रक क्रमांक H R 69 C 6984 रायपुर से दिल्ली जा रहा था, जिसमें लोहे की भारी प्लेटें भरी हुई थी, जिसमे दो लोग सवार थे। चालक अपने गांव सगौनी जा रहा था जो तेज रफ्तार में होने के कारण बेकाबू होकर जामनी नदी के पुल में जा गिरा। जिसमें ट्रक चालक मेघराज पिता मुन्ना यादव 35 बर्ष की नीचे फसने से दर्दनाक मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा ट्रक चालक को बड़ी मशक्कत के बाद जेसीबी के द्वारा ट्रक के नीचे से निकाला गया। जबकि रामक्रेश पिता देवी यादव 23 वर्ष निवासी सागौनी गंभीर रूप से घायल हो गया पुलिस ने मौके पर पहुचकर मर्ग कार्रवाई कर शव पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।

यहां हुआ भीषण हादसा ,अनियंत्रित होकर ट्रक जामनी नदी में गिरा ,चालक की मौत

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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