ग्रामीणों और मवैशियों पर घर में धुसकर पागल सियार ने किया हमला, कई घायल

सागर,विनोद जैन। जिले के मालथौन के आमरी रमगड़ा ग्राम में पागल सियार ने रात के अंधेरे में घर मे घुसकर एक दर्जन ग्रामवासियों सहित दो दर्जन मवेशियों को काटकर लहूलुहान कर दिया है। ग्रामवासियों ने घायलों को लेकर वन विभाग रेंज कार्यालय पहुंचकर घटना की जानकारी दी। घायलों को सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। मौके पर वन परिक्षेत्र अधिकारी अरविंद केन एवं नायब तहसीलदार प्रिंसी जैन ने सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना। वन परिक्षेत्र अधिकारी अरविंद केन ने मौके पर पंचनामा कार्रवाई करते हुए सभी घायलों को त्वरित सहायता प्रदान करते हुए एक एक हजार रुपये प्रदान किये और शासन स्तर पर इलाज में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया

वहीं घायलों ने घटना के लिये बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया

घायलों और ग्रामवासियों नें बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुये बताया कि आमरी गांव में आठ दिन से बिजली नहीं है अंधरे में गुजरबसर कर रहे हैं। ग्रामवासी अपने घरों के दरबाजे खोलकर सोते हैं। सोते समय घर मे घुसकर पागल सियार ने हमला कर दिया जिसमें तीन बुजर्ग सहित 11 लोगो को एवं घरों में बंधें दो दर्जन के करीब गाय बछड़ों को काट लिया हैं।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।